अपनों को लाभ देने के लिए न्यायालय निर्णय का तोड़ ढूंढ रही है सरकार : प्रदीप कुकरेती

UK Dinmaan

देहरादून। राज्य सरकार अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अध्यादेश लाकर नया तोड़ निकाल रही है। सरकार की इस कार्यवाही के लिए राज्य आंदोलनकारी मंच इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की।

बता दें कि लगभग पिछले 02-वर्षो से राज्य आंदोलनकारी 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण व एक्ट के लिए अध्यादेश लाने की गुहार सरकार से कर रहे है। जिसके लिए राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा संयुक्त संगठन के बैनर तले ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन, के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच तक किया गया लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने कभी संज्ञान लेना उचित नहीं समझा।

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि सरकार शहीदों परिवारों से लेकर सामान्य राज्य आंदोलनकारी तक सभी की घोर उपेक्षा करती आ रही है। सरकार एक तरफ बजट का रोना रोकर कई योजनाओं को छोड़ती है। जबकि वहीं वह अपने दायित्वधारियों के वेतन भत्ते में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्रियों की देनदारी व खर्चों को भी सरकार स्वयं भरना चाहती है।

वहीं रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार मोदी जी की कार्यप्रणाली के विपरीत दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जीरो टालरेंस की बात करने वाली और भ्रष्टाचारियों को गले लगाने वाली त्रिवेंद्र सरकार की घोर निंदा करते हैं।

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