बालिकायें शक्ति का प्रतीक : मुख्यमंत्री धामी

दून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2021 में सभी जिलों की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में सर्वाेच्च स्थान और इंटरमीडिएट में ब्लॉक स्तर पर टॉप करने वाली मेधावी बालिकाओं को स्मार्ट फोन वितरित किये। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जनता दर्शन हॉल, सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बाल कल्याण निधि के अंतर्गत संचालित बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना में टॉपर छात्राओं को स्मार्ट फोन दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही मैत्रैयी नाम से छात्राओं के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए एक पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने युवाओं के हित में अनेक निर्णय लेकर उन पर काम शुरू किया है। 24 हजार रिक्त सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन को निशुल्क किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बालिकाओं को शक्ति का प्रतीक बताते हुए छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बचपन से दो बातें जीवन में अपनाई हैं। अनुशासित रहना और अपने कमिटमेंट का पक्का रहना। आज का युग आईटी का युग है। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बढ़ा है। इसे देखते हुए हमने प्रदेश की सरकारी स्कूलों के कक्षा 10 व 12 और डिग्री कालेजों के छात्र छात्राओं को निशुल्क मोबाईल टेबलेट देने का निर्णय लिया है और इसे जल्द ही इम्प्लीमेंट किया जाएगा। हम अपनी हर घोषणा को पूरा कर रहे हैं। जो काम शुरू कर रहे हैं, उसे पूरा भी करेंगे। जो भी राहत पैकेज घोषित किये उनकी राशि लाभार्थियों के खातों में जानी शुरु हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साधारण परिस्थितियों में जन्में लोग असाधारण की यात्रा करते हैं। पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डा एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इसके उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री जी ने महिला सशक्तीकरण में काफी काम किया। स्वच्छ भारत मिशन में पूरे देश में शौचालयों के निर्माण, उज्जवला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में आगे बढना है तो समय का पूरा सदुपयोग करें। जो भी काम करें, पूर्ण मनोयोग से करें। एक बार किसी लक्ष्य का संकल्प लें तो उसके विकल्प के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि देवभूमि देवियों की भी भूमि है। जिस समाज में नारी को पूजते हैं वहां कन्या भ्रूण हत्या सबसे बङा पाप है। हमें अपने विचारों को भी शुद्ध करना है। रुढिवादी मानसिकता से बाहर आकर लैंगिक समानता लानी है। यह केवल चिंतन मनन में ही नहीं बल्कि आचरण में भी दिखना चाहिए। राज्य सरकार बालिकाओं और महिलाओं को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिये काम कर रही है। नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, स्पर्श नैपकिन योजना ऐसी ही मुख्य योजनाएं हैं। इसी प्रकार वात्सल्य योजना सरकार की संवेदनशीलता को बताती है।
विधायक झबरेङा देशराज कर्णवाल ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर जी ने बालिका शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताया था। शिक्षा से ही महिला सशक्तीकरण सम्भव है।

सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुल 162 मेधावी छात्राओं को स्मार्ट फोन दिये गये हैं। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्र ने किया।

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