‘गलत’ तैं ‘सै’ साबित करणा जुगत
तड़तुडु धाम म मुण्ड ढकौंण कु तिरपाल , इन्न हलात च मलिन बस्ती दीपनगर म रैंण वला लोगुक जैका घार पर बुलडोजर चलि। मेनत, मजूरि कैकि अपणु अर अपड़ा बच्चों कु पुटगि भ्वरण वला लोगुका घार ऊंकी आंखियों क समणि त्वड़े ग्येन। जु वुतैं इन्नु जखम दे ग्यायी जु अब कबि नीं भ्वरण्यां।
आज वुंकी आंख्यूंम राति नींद नीं च, पुटगा भुक खतम ह्वेग्ये, त दिनम तड़तुडु धाम से बचणा खूणि मुण्ड म तिरपाल कु सारू च। दीपनगर मा आठ कुटुम्दरि इन्न छन जौंक घौर मा खाणु नीं, पीणु नीं च।
अब सवाल यों च कि अगर सरकार/ नगर निगम न यु मकानु तैं अवैध बतै कि तोड़ि त। क्य नगर निगम क या जिम्मेबरि नीं च, जब तक युकूं यीं क्वीं हौरि बन्दुबस्त नीं ह्वे जान्दु तब तक युतैं रैंणा कु खाण-पिणा कु अस्थायी बन्दुबस्त करै ज्यां।
अब यीं लोग कु छन अर कख बटि ऐकीं युन यख मकान बणै यीं बातिकि अब क्वीं मतलब नीं च। हां यांकी जांच जरूर हूंण चैंद आखिर युन कख कब्जा कनकैकि कायी या फिर कब्जा कैन यु तैं द्यायी।
जांच, जै बगत युन यख कब्जा कायी, वै बगता पार्षद, विधायक, नगर निगम क सुपरवाइजर, एमडीडीए जिम्मेबार अधिकारिक हूंण चैंद।
सरकरि जमीन म कब्जा कैकि मकान बणौंणा कु खेल आज बिटि नीं हूंणू च। राजीव नगर, दीपनगर, शिवनगर, मोथरावाला, बिटि बॉडीगार्ड, काठबंगला बस्ती, चंदर रोड, नेमी रोड, बलबीर रोड़, राजेश रावत कालोनी चमन विहार, कारगी म कबाड़ी बजार सबि रिस्पना अर बिंदाल जिकुड़ि म कब्जा कैकि बण्यां छन।
यां बात कतगै दा उठयें ग्यायी कि सरकरि जमी मा कब्जा कैकि जमीन दस-दस रुप्यौं कु स्टाम्प पेपर पर ब्चयें जाणि च। हां अब ज्वां बात दीपनगर मामला मा समणि ऐ वा हौरि आंखा ख्वलणि च कि दीपनगर मा जु 8 मकानु पर कारवै ह्वे वु सबि एक हि मनखिन 100 सौ रुप्यौं क स्टाम्प पेपर पर बेचि छायीं। अर जौंका घौर त्वडे़ ग्यीन ऊंकु ब्वनु च कि हमन या जमीन मोल ल्यायी।
अब यीं 100 रुप्या कु स्टाम्प अनपढ़ अर गरीब आदमि खूणि सरकरि कागज ह्वे ग्यायी, वै कागज तैं आज वु दिखौंणा छन। पर वु अभागौं तैं क्च पता की वुंका दगड़ि ध्वका करै ग्यायी, या बात त वुतैं आज पता चलि जब वुका मकान पर बुलडोजर चलि। अब जब वु लोग नगर निगम तैं यीं कागज दिखौंणा छन।
अब ये मामला म राजनीति सुरु ह्वेग्ये। कांग्रेस हूंया या भाजपा सब्यौं क राजम रिस्पना अर बिंदाल मा खूब कब्जा ह्वेन। आज भाजपा सत्ता म च इल्लै चुप च अर कांग्रेस कांग्रेस मलिन बस्तीक बचौंव म खड़ी हूयीं च। कांग्रेस पैल्यक विधायक यु साबित करणा छन कि यीं सबि 2016 से पैल्यक बण्यां छन।
देरादूण रिस्पना अर बिंदाला छाल लोगु तैं बसै कि नेताओं पैलि बि अपणि रवट्टि पकै त आज मि अपणि रवट्टि पकौंणा छन। अर ऊंका छ्वटा चमचौं न सरकारि जमीन पर कब्जा कैकि वीं जमीन तैं सीधा-साधा, गरीब, अनपढ़ लोगु तैं ब्येचि खुब रुप्यां कमै।
आज जब नगर निगमन रिस्पनाक छाल बणि 27 बस्ती म 524 घौरु तैं अवैध बतै।
त हमरा नेता यु लोगुक तैं बचौंणा खूणि खड़ा ह्वेग्यीन। अर ब्वना छन कि अर सफै दिंणा छन कि युंका बिजली पाणि क बिल छन। त भारे सवाल अब त सवाल यु बि च जब मकान हि सरकरि जमीन म कब्जा कैकि बण्यें ग्यायी त कब्जा मकान म बिजली, पाणि क नळका बि गलत तरीकों न हि लगै ग्यें होलु अर वु बि तुमने हि लगै होला। यीं कारण च तुम आज वु नेता मलिन अवैध बस्ती बचौंणा खुणि खड़ा छन।
सरकार अर नगर निगम गलत नीति क कारण, गलत इल्लै ब्वना छौ की। नगर निगमन एनजीटी तैं रिपोर्ट द्यायी, यीं रिपोर्ट म रिस्पनाक छाल 27 मलिन बस्ती कुल 524 घौरु हि अवैध छन। तब बौत सर्या सवाल खड़ा हूंणा छन। बडु सवाल हि यौं च कि सरकरि जमीन म 2016 बाद बण्या मकान अवैध अर 2016 से पैलि बणया मकान वैध कनु कैकि ह्वे सकदन? जबकि सबि मलिन बस्ती क् मकान सरकरि जमीन पर कब्जा कैकि बणै ग्येन। त कारवै सब्यौं पर हूंण चैंद। कारवै त रिस्पना छाल बणि सरकरि बिल्डिंग पर सरकरि आवासु पर रिस्पना पुल पर अद्धा बण्यूं मॉल पर हि हूंण चैंद। न कि सिरफ अर सिरफ मलिन बस्तीम बण्यां 2016 से बाद घारु पर।
आज या उत्तराखण्ड की निखणिच कि हमरा नेता आज ‘गलत तैं, सै साबित करणा लड़ै लड़णा छन’, पैलि वुंन अपणु बोट बैंका फैदा खूणि सरकरि जमीन इन्न बोलिकि कि – “लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां सिर्फ मेरा मकान थोड़ी है” पैलि कब्जा करैनि।
अर आज सरकरि जमीन म कब्जा करण वला दगड़ि खडु़ ह्वेकी नगर निगम अर सरकार तैं हि धमकौंणा छन कि –सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में किसी के बाप की जमीन थोड़ी है।
घार त कैकु बि नीं टुटण चैंद पर घार गदनौंक् जिकुड़ि पर कब्जा कैकि बि नीं बणै जांद चैंद।