गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान : हर्षोंउल्लास से मनाया मकर सक्राँति और लोहड़ी पर्व

UK Dinmaan

“रणवीरों की जात, रणगीतों की रात‘‘ और ‘‘खिचड़ी पर हुई चर्चा”

गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रमों के अनुरूप मकर सक्राँति पर्व से पूर्व लोहड़ी का त्योहार धूम-धाम से गढ़-कुमाँऊ की संस्कृति और परंपराओं के साथ पंजाबी संस्कृति को जोड़कर एकता का संदेश देने का प्रयास किया है।

गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की कोशिश है कि हिमालय से बहने वाली नदियों के किनारे जो सांस्कृतिक परंपराएं जन्मी उनको मनाने वालों को भी हिमालयी सांस्कृतिक परंपराओं से परिचय करवाया जाए। इसलिए जहाँ 13 जनवरी 2019 को देर सांय संघर्ष स्थल पर लोहड़ी पर्व संघर्ष स्थल पर हर्षोल्लास से मनाया गया। लोहड़ी के उत्सव हेतु गैरसैंण अभियान स्थल के समक्ष अग्नि कुँड बनाया गया व उसमें अग्नि प्रज्वल्लन कर पॉपकोन, मुंगफली, तिल, गुड़ व रेवड़ी प्रसाद स्वरूप अर्पण की गई। ततपश्चात जिसके चारों ओर घेरा बनाकर गैरसैंण आंदोलनकारियों ने रणगीत गाए। कार्यक्रम सांय 5ः30 बजे से प्रारम्भ होकर रात्रि 8ः30 बजे तक चला। गैरसैंण अभियानकर्मी ने संघर्ष स्थल के आस पास रहने वाले गरीब तबके के लोग जो खूले आसमान के नीचे रातें बिताते हैं को भी गैरसैंण अभियान के कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया।

वहीं आज 14 जनवरी को मकर सक्राँति के अवसर पर मकर सक्राँति का भी आयोजन किया गया।

गढ-कुमाँऊ में प्रचलित संस्कृति में इस दिन सबूत उड़द की दाल की खिचड़ी विशेष तौर पर बनाई जाती है। लोगों द्वारा अपने निकटस्त कुटुम्ब जनों को खिचड़ी भोज कराना, ब्राह्मण भोज व कन्या भोज की परंपरा भी गढ-कुमाऊं संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर आते हैं।

गढ़-कुमाऊं की इस विशिष्ट संस्कृति को लेकर आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने मकर सक्राँति पर मकर सक्रांति का आयोजन कर ब्राह्मणों व कन्याओं को प्रतीकात्मक रूप में खिचड़ी भोज कराया। आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के मंच पर इस अवसर को प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने को लेकर ‘‘खिचड़ी पर चर्चा‘‘ और शुद्धिकरण कार्यक्रम विशेष आकर्षण रही। गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान द्वारा आयोजित ‘खिचडी पर चर्चा’ कार्यक्रम में सुंदर सुझाव राजधानी मंच पर आए। पौड़ी से आए आंदोलनकारी आशुतोष नेगी ने एक नया राजनीतिक विकल्प देने का सुझाव संगठन के माध्यम से दिया। डीएवी महाविद्यालय के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल ने जनगीतों के माध्यम से अभियान को तेज करने की बात कही। युवा नेता राजेश चमोली ने प्रत्येक इतवार को पल्टन बैजार में जनगीत मार्च निकालने का सुझाव प्रदान किया। पत्रकार पुष्कर नेगी ने आंदोलन को सफल बनाने हेतु संसाधन जुटाने पर भी ध्यान देने की बात कहीं। समाजसेवी यशवीर आर्य ने स्वच्छता व सफाई पर अधिक ध्यान देने की बात कहीं।
पूर्व पार्षद रविन्द्र प्रधान द्वारा अलाव हेतु लकड़ी आदि की व्यवस्थाएं कराई गई। लोहडी एवम् खिचड़ी कार्यक्रम में सभी अभियानकर्मियों ने स्वयंसेवी की भूमिका निभाई व अपनी अपनी ओर से यथासंभव योगदान किया। जिसमें युवा नेता रघुवीर बिष्ट ने 25 किलो चावल, संरक्षक पीसी थपलियाल ने 05 किलो उड़द दाल, सौरभ रावल ने अचार, बॉबी सिंह पंवार और सोहन सिंह रावत ने घी, यशवीर आर्य ने सलाद, मदन सिंह भंडारी ने पापड़ आदि की व्यवस्थाएं बनाकर सहयोग किया।

गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के लोहड़ी और मकर सक्राँति के कार्यक्रमों में भागीदारी करने वालों में विजय सिंह रावत, मदन सिंह भंडारी, मनोज ध्यानी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, सचिन थपलियाल, पुष्कर सिंह नेगी, उत्तराखंड विकल्प : ।4न् कर्नल डा0 डीपी डिमरी, पूर्व पार्षद रविन्द्र प्रधान, सीके बंदूनी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जगत सिंह, सौरभ रावल, राठ सेवास्थ्य एवम् शिक्षा संगठन के राजेश चमोली, उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के सुशील कुमार, राजकुमार, विलास गौड़, मनोज कुमार बडोला, पूर्व सैनिक संगठन के का. अध्यक्ष माधवानंद बंदूनी एवम् महासचिव चन्द्रमणी बंदूनी, नमन चंदोला, उदवीर सिंह पंवार, अनिल रावत, सुरज भट्ट, जनमंच के अशोक बहुखंडी, इंजीनियर आनंद प्रकाश जुयाल, जबर सिंह पावेल, प्रभात उनियाल, कृष्ण काँत कुनियाल, शम्भू प्रसाद भट्ट, शीला रावत, चम्पावत से आए संजय चौराकोटी, क्षेत्र पंचायत सदस्य बनबसा गजेन्द्र चन्द, अल्मोड़ा से आई पुष्पा नयाल, अखिल भारतीय सिख संगठन के राजेन्द्र सिंह सेठी, राज्य आंदोलनकारी प्रवीन गुसांई, तुलाराम बड़वाल आदि बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

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