उत्तराखंड की संस्कृति एवं गांवों को बचाने के लिए राजधानी गैरसैंण जरूरी : पोखरियाल

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गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान को धरने के 127 वें दिन आज गैरसैंण से आए जसवंत सिंह बिष्ट ने अपना समर्थन दिया। जसवंत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड का निर्माण पहाड़ी राज्य के लिए हुआ था। लेकिन दुर्भाग्य से आज तक उत्तराखण्ड की राजधानी घोषित तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आज तक की सरकारों ने उत्तराखंड की जनता और पहाड़ विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर गैरसैंण लेकर रहेंगे।

चमोली जिला के नानिकाशी हाट से यहाँ धरना को समर्थन देने पहुंचे नरेन्द्र पोखरियाल ने कहा है कि उत्तराखंड की संस्कृति एवं गांवों को बचाने के लिए अतिशीघ्र गैरसैंण राजधानी बननी आवश्यक है।

आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के मंच पर जसवंत सिंह बिष्ट, नरेन्द्र पोखरियाल, अभिषेक भंडारी, भाष्कर डिमरी, विजय सिंह रावत, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मनोज ध्यानी, यशवीर आर्य, मदन सिंह भंडारी, श्रीमती शकुंतला खंतवाल, राजेन्द्र सिंह चौहान, शुरवीर सिंह नेगी, राकेश सती, सचिन कुमार, रंजीत चंद्र, प्रवीण कुमार सिंह, कमल काँत, किरण किशोर सिंह, सोहन सिंह रावत, एपी जुयाल, पीसी थपलियाल, अचिन बहुगुणा, मनोज कुमार बडोला, प्रदीप कुकरेती, रविन्द्र प्रधान, पुरषोत्तम सती, आनंद सिंह पटाकी, अनु पंत, एड. प्रमिला रावत, बीएस नेगी, डीपी सेमवाल, श्रीमती सुमन डोभाल काला, सुभाष रतूडी, अशोक कुमार रतूडी, अंकित कुकरेती आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

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