सरकरि स्कूळों मा पढ़ये जाली लोकभाषा
देरादूण। उत्तराखण्डा की लोक भाषा गढ़वलि कुमौउनी, जौनसारी अर रं अब स्कूलया पाठ्यक्रम मा सामिल होलि। एससीईआरटी मा गढ़वलि, कुमौउनी जौनसरी अर रं क कितबि त्यार कर्यें जाणि छन।
एससीईआरटी क उर्यीं 5 दिनक कार्यशाला म आज आखिर दिन मा निदेशक वंदना गर्ब्यालन बोलि कि उत्तराखण्डा लोक भाषा हमरि सांस्कृतिक धरोहर कु भाग च। उन्न बतै कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क जरिया बच्चों तैं अपणि दूदबोली सिखौंणा खूणि ब्वले ग्यायी। उन्न बोलि कि पैलि कक्षा एक से पांच तककी कितबि त्यार कर्यें जाणि छन। उन्न बोलि कि लोकभाषा क कितब्युं क जरिया बच्चों तैं अपणि संस्कृति, अपणि पछ्याण से जुड़णा कु मौका अर बच्चों मा अपणि दूदबोली भाषा पढ़ण, ल्यखण अर ब्वलण मा एक नै मतंग (उत्साह) दिख्येळु।