त्यौहारी सीजन मा मिलावट कू जोर

UK Dinmaan

राज्य बणणा दर्म्यान अर वांका बाद (सन 2000) त देहरादून मा ठेली/ढाबों अर होटलौं की धूम मचिग्ये। ह्वे सकद कि होटलों का कुछ मानक निर्धारित होवन जांको पालन त शायद ही क्वी कारलो पर वैध-अवैध ठेलियों पर बिकण वालों पक्यूं भोजन (दाल/राजमा/ झ्वल्ली-कढ़ी/शिकार/चाउमीन/चाट पकोड़ी/परांठा आदि) क्या खंदरों का स्वास्थ्य का वास्ता ठीक छ? धूल, मिट्टी मा डुबीं अर माखौं की गिमजार वाली मिठाई, जलेबी, इमरती, समोसा आदि स्वास्थ्य विभाग का मानकों पर कनकै ठीक-ठाक छन/ सहारनपुर अर बिजनौर बटि अयूं दूध/पनीर, नौंणी की अबि तैं त कबि जांच-जूंच नि ह्वे कि वामां कतगा यूरिया छ यां कि जांच करनू वालू क्य्यू छन। यख या बात सिर्फ त्यौहारू मा ही क्लि जबकि सब्बि थै या बात पता च कि देहरादून में दूध, पनीर अर मावा कख बटि आणू च। दरअसल शहर भर का होटल/ढाबा/कैन्टीन/ठेली/ रेस्टोरेन्ट बटि पकै कै बिकएण वाली खाद्य सामग्री की जांच की जिम्मेदारी त नगर निगम की छ पर देहरादूनौ नगर निगम त कबि कबि ही दिख्यैंद।

अखबारों/ टीवी मा फोटो दगड/असल्यात या छ कि देहरादूनौ नगर निगम राजनीति को अड्डा बण्यूं छ। शहरै जनता की भलाई से वे को क्वी सम्बन्ध नी छ। अपणि-अपणि राजनीति चमकाणौ खेल ख्येलेण्यौं छ, बेशरमी छ।

धर्मपुर, 6 नम्बर पुलिया सब्जी मण्डी की बास, देहरादून मा अवैध ठेलियों की भीड़, तिब्बती बजार बटि कनक चौक, एस्लेहाल तकै सड़क पर फड़ अर ठेली नि दिख्येंदीं रिस्पना पुल का पार कनी गदर मचीं रैंद यां से बी नगर निगम तैं क्वी मतलब नी छ। सहारनपुर-दिल्ली रोड़ पर ‘ठेली अर हर गली मौहल्लौं मा रिंगण वाली अवैध ठेलियों, अवैध निर्माण अर देहरादूनै शकल सूरत बिगड़ण वालौं की तर्फ नगर निगम वैं हाड़ किलै सिंयू रैंद। ठेलियों को लाइसेंस, फूड लाइसेंस अर खाद्य पदार्थो का नमूना लेकै बाकी जांच कनो नगर निगमौ परम कर्त्तव्य छ बल।

भलेई देहरादून नौं का शहर मा (खाण-पीणौं चीजों मा मिलावट करेणी क्वी नैं बात नी छ। होटल, ठेला, ढाबा अर तमाम पकईं सामग्री बिकाण वालों न सोच्ये कि अबि बण्द उत्तराखण्ड अनाप-शनाप ढंग से ठेली दुकान, ढाबा ख्वल्ये गैंन अर खाण-पीणा शौकीन तमाम अण्ट-सण्ट ‘चीज’ खाण लैगैंन।

देहरादूनै शकल सूरत व पहाड़िया लौग्यू कू स्वास्थ्य दगड़ा खिलवाड़ करन वाला यू लोगों कू न सिर्फ चालान ही कट्टे जावा बल्की यू थैं कढ़ी से कढ़ी सजा भी कू प्रावधान हुण्ण चयेंद ताकि भविष्य मा यू लोगों जनता का स्वास्थ्य से लिखवाड़ करने की हिम्मत ही न कैरि साका। दगड़ा मा खाद्य विभाग की जिम्मेदारी च कि सिर्फ त्यौहारी सीजन न बल्कि सर्या साला दूध/पनीर, नौंणी अर मावा की जांच जू अबि तैं त कबि नि ह्वे कि जाय कि वामां कतगा यूरिया छ और कतगा और मिलावट। देहरादून में दूध, पनीर अर मावा कख बटि आणू च व बात सब्बि जाण्दा छन बस कार्यवाही से डरना छन।

साभार गढ़वालै धै

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