स्वयंभू बाबा केदारा गरिमा दगड़ि ठट्टा लगौण कोसिस . . .

दिल्ली म केदानाथ धाम जन्नि बाबा केदार कु मंदिर बणौंणा कु भूमि पूजन क्य ह्वेकि उत्तराखण्ड म राजनीति सुरु ह्वेग्ये। मुख्यमंत्री धामी न बुराड़ी हिरंकी म श्री केदारनाथ मंदिर कु भूमि पूजन कायी अर मंदिर कु शिलान्यास कायी ऐ मौका पर मुख्यमंत्री न बोलि कि ये मंदिर म शिव भक्तु अर सनातन संस्कृति की आस्था तैं बल मिललु। मुख्यमंत्री न केदारधाम कु जन्नि मंदिर कु शिलान्यास कायी उन्नि मंदिर बणौंणा कु समाजिक संगठन अर प्रदेसा लोगुन चौतर्फा यांकु विरोध सुरु कै दे।

यांका बारम केदारधाम दिल्ली ट्रस्ट कु ब्वनु च केदारधामा पाट 6 मैना खूणि बन्द रैंदन जै कारण बाबा केदारा दर्शन 6 मैना तक नीं हूंदन। अर कतगा इन्न लोग छन जु बाबा केदार दर्शन खूणि केदारधाम नीं जै सकदन, वु लोग दिल्ली म बाबा केदार कु मंदिर बणण बाद सर्या साल यख बाबा केदारा दर्शन कारला।

जबकि पूरण जमना बिटि ब्वलें जान्द जब ह्यूंदा छै मैनौं खूंणि भगवान केदारबाबा क पाट बन्द हूंदन त वे बगत भगवान केदार दर्शन ओमकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ म हूंदन। अर हमरि सरकार चारधाम जातरा तैं बारमास चलौंणा बात कदर अर खूब जोर-शोर यु प्रचार करणि रैंद की ह्यूंदा मैनों मा बाबा केदारा दर्शन खूणि ओमकारेश्वर मंदिर म आवा।

अब दिल्ली म भगवान केदारा मंदिर बणौंण कोसिस अर यु तर्क की जु बाबा केदारा दर्शन खूणि उत्तराखण्ड नी ऐ एकदन ऊ लोगु तैं दिल्ली म हि बाबा केदारा दर्शन ह्वे जाला, सनातन अर पौराणिक मान्यताओं क खिलाप नीं त क्य च? दिल्ली म केदारबाबा के पूजा होलि त केदार धामा मान्यता अर पूरणि रीति रिवाज क दगड़ि छेड़ि अर बाबा केदारा दगड़ि ओमकारेश्वर मंदिर क अस्तित्व पर खतरा नीं त क्य च? दिल्ली केदार मंदिरा शिलान्यास म बदरी केदार मंदिर समिति कु क्वीं बि तीर्थ पुरोहित, पाण्डा समजा, जु साल बिटि केदारनाथ धाम बाबा केदारा पुजा करदन, नी छायीं। न त वु तैं शिलान्यास म बुल्ये ग्यायी अर न कैथैं पुछिकि मंदिर कु शिलान्यास करै ग्यायी।

भगवान बदरीनाथ, भगवान केदानाथा, मां गंगोत्री मां यमुनोत्री कु मां गंगा कु अपडु महत्व च। अब गंगा त उत्तरप्रदेश, अर बिहार म बि च, यांका बाद मां गंगा कु हरिद्वार म अपणु महत्व च अर गंगोत्री म अलग महत्व च। इन्न शिवजी क मंदिर त सर्या देस म छन पर स्वंभू केदारबाबा कु अपडु महत्व च। केदार बाबा क दर्शन करणा खूणि 22 किलोमीटर उकाल चढ़णा बाद बाबा केदार कु आशीर्वाद मिलदु पर अब हम हमतैं बिना खैरि क बाबा आशीर्वाद मिल्यां इल्लै बाबा केदार तैं दिल्ली स्थापित कैकि खैरि क बाबा कु आशीर्वाद चाणा छौ, क्य यु धार्मिक मर्यादा त्वड़णा कु काम नी त क्या च?

देस म बारह ज्योतिर्लिंग छन अर ज्योतिर्लिंग आदि गुरु शंकराचार्य क बण्यां छन। केदारधाम तैं आदि गुरु शंकराचार्य न बणै। यीं कारण च की ज्योतिलिंग अर शक्तिपीठु क अपणि मान्यता। देवी, द्यब्तौं म मंदिर तैं क्वीं बि मनखि अर कखि बि बणै सकदन पर ज्योतिलिंग अर शक्तिपीठु तैं कखि हौरि जगा म नीं बण्यें जै सकदु।

पूरण जमाना बटि केदारबाबा क पाट रुड़ि क मैनों म सिरफ अर सिरफ छै मैना मनखियों खूणि खुलदन अर हूंदन अर छै द्यबता बाबा क पूजा करदन। अर इन्नु आज बिटि न बल कै जमना पैलि बिटि हूंणू च। दिल्ली म बाबा केदार कु मंदिर बणणा से बाबा क ज्योतिलिंग बाबा केदारा कु महत्वता कम कतै नीं होलु पर अब सवाल यु खडु हूंणू च कि क्य क्य केदार धाम तैं कखि हौरि बण्ये जै सकदु? क्य ज्योतिलिंग स्थापना कखि हौरि करै जै सकदि?, यांकु जवाब हां च, त फिर हम एक हौरि ज्योतिर्लिंगा स्थापना किलै नीं करदा, नथर सबि ज्योतिर्लिंगु क स्थापना एक जगाम किलै नि कै सकणा छौ।

अब केदारबाबा कु मंदिर नै दिल्ली म बणण से शिव भक्तु अर सनातन संस्कृति की आस्था तैं कन्नु बल मिललु, या बात त अबि त भवैष्य पुटगा म, पर केदारधाम दिल्ली ट्रस्ट की दिल्ली म बाबा केदारा मंदिर कु शिलान्यास, स्वयंभू केदार क गरिमा तैं नुकसान पौंछ्णा, धर्म अर आस्था कु नौं पर लोगुक भावना दगड़ि ठट्टा लगौणा कु कोसिस हि च बल।

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