देरादूण : छात्र राजनीति का खिल्वार पोखरियाल अर थपलियाल अमणि-समणि

उत्तराखण्डम जै दिन बिटि निकाय चुनौ कु शंख क्य बजि। प्रदेसम ह्यूंदा मैना मा राजनैतिक तापमान मा गरमैस ह्वेग्ये। भाजपा अर कांग्रेसा टिकटा लैन मा लग्यां उम्मेदवार अपणु-अपणु जोड़-घटौ मा लग्यां छायीं। यांका बाद बि सबसे जादा चौछ्डि ज्वा छ्वीं-बत्था हूंणि छायीं वा छै देरादूणा मेयर सीट।

निकाय चुनौ क ऐलाना बाद देरादूण मेयर पदा वास्ता भाजपा अर कांग्रेस मा खुब घमाचूर मची छायीं। आखिरकार भाजपा अर कांग्रेसन द्विया दलु न देरादूण मेयर पद पर अपणा उम्मेदवार घोषित कै याली।

कांग्रेसन वीरेन्द्र पोखरियाल त भाजपना न सौरभ थपलियाल तैं पर दांव खेलि।

देरादूण मेयर पदा बात करदो त, प्रदेस बणण बाद देरादूण मेयर कु पद सदनि सबसे खास रायीं अर सदनि मुख्यमंत्री की पंसद कु नेता ही देरादूणा मेयरा कुर्सी पर बैठी। साफ च कि देरादूणा मेयर कुर्सी सरकारै वास्ता नाक कु सवाल बि च।

साल द्वी हजार तीन मा जब देरादूण नगर पालिका बिटि नगर निगम घोषित ह्वे। त उबरि प्रदेसम कांग्रेसा सरकार छै। कांग्रेसन मनोरमा शर्मा तैं मेयर कु टिकट द्यायी। मनोरमा शर्मा न भाजपा की विनोद उनियाल तैं हरै। मनोरमा शर्मा देरादूणा पैलि मेयर बणिग्ये।

यांका बाद साल 2008 मा प्रदेसम भाजपा सरकार ऐग्ये। भाजपा न मेयर पद वास्ता विनोद चमोली तैं टिकट द्यायी। विनोद चमोली न निर्दलीय उम्मेदवार रजनी रावत तैं हरै अर देरादूण क मेयर बणिग्येन।

साल द्वी हजार तेरम चुनौ मा विनोद चमोली तैं दुबरा टिकट मिलि। विनोद चमोलिन कांग्रेसा उम्मेदवार सूर्यकांत धस्माणा तैं हरे। साल द्वी हजार अठ्ठारह म भाजपन सुनील उनियाल गामा तैं मेयर उम्मेदवार कु टिकट द्यायी। गामान कांग्रेस उम्मेदवार दिनेश अग्रवाल तैं हरे द्यायी।

साफ च कि प्रदेस बणणा बाद से अब तक देरादूण मेयर पद पर प्रदेसम जै पार्टी की सरकार रायी वीं पार्टी कु हि दबदबा हि रायीं। अर दूसर खास बात साल 2003 बिटि अबि तक प्रदेसम मेयर पद पर बामण जाति कु हि कब्जा रायीं। वु फिर कांग्रेस पार्टी की मनोरमा शर्मा हूयां या भाजपा के विनोद चमोली या सुनील उनियाल गामा सबि गढवळि बामण जाति का हि छन।

अब ऐसु साल द्वी हजार पच्चीस मा भाजपा अर कांग्रेसन एकदा दुबरा वीं खेल खेलि। द्विया दलु न अपड़ा-अपड़ा देरादूण मेयर का उम्मेदवार घोषिण कै याली। जख भाजपन सौरभ थपलियाल पर त कांग्रेसन विरेन्द्र पोखरियाल पर दांव खेलि।

विरेन्द्र पोखरियाल अर सौरभ पोखरियाल द्वी छात्र राजनीति का खिल्वार छन। छात्र राजनीति बिटि द्वियौं न अपणु राजनीति के सुरूवात कायी। बात करदो सौरभ थपलियाल क् त। भाजपन सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल अर कुलदीप बुटोला जना नेताओं म बिटि सौरभ पर दांव खेलि।

सौरभ थपलियाल 1999 म छात्रसंघ महासचिव डीएवी कॉलेज अर 2000 म छात्र संघ अध्यक्ष डीएवी कॉलेज रैन। सौरभ मुख्यमंत्री धामी की पैलि पंसद छायीं।

त वखि युवाऔं की आवाज वीरेंद्र पोखरियाल न राज्य आंदोलन मा बि सक्रिय भूमिका निभै। वीरेद्र पोखरियाल राज्य आंदोलन मा कै बार जेल बि गैन। छात्र राजनीतिक बगत बिटि हि कांग्रेस कु झण्डा उठाण वला पोखरियालन युवा कांग्रेस, किसान कांग्रेस अर सहकारिता म अपणि अलग पछ्याण बणैं। साल 2000 म उत्तराखण्ड राज्य बणाणा बाद प्रदेस युवा कांग्रेस गढ़वाल मंडल अध्यक्ष बणिन। साल 2004 त सहकारी बाजार देरादूणा अध्यक्ष पद पर रैंन। यांका अलावा साल 2007 मा उत्तराखण्ड किसान कांग्रेस म जिला अध्यक्ष पद पर रैन।

अब चुनौ कु जितदु अर कु हरदु यु तु भवैष्य पुटगा मा च अर यांकु फैसला त 25 जनवरी खुणि ह्वे जालु पर इतगा त साफ च कि कांग्रेसन पोखरियाल अर भाजपन थपलियाल पर दांव खेलिकि, द्वी बमणु तैं अमणि-समणि कैकि देरादूण मेयर चुनौ मा नै जान फूकी दे।

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