‘स्थाई राजधानी गैरसैण’ की मांग को लेकर दण्डवत यात्रा से थर्रायी सरकार: मनोज ध्यानी
दून। स्थाई गैरसैण राजधानी बनाने की मांग को लेकर गांधी पार्क मंे धरने पर बैठे अनशनकारी प्रवीण सिंह काशी को आज पुलिस बल ने जबरन उठा लिया। आमरण अनशनकारी को उठाने के वक्त पुलिस कार्रवाई का जमकर विरोध हुआ।
बता दें कि प्रवीण सिंह काशी ने घोषणा की थी कि वह आज गाँधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास तक ‘दण्डवत यात्रा’ निकालेंगे, जिसके तहत वह दण्डवत करते हुए मुख्यमंत्री आवास तक जायेंगे और प्रार्थना करेंगे कि अविलम्ब गैरसैण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाएं। प्रवीण सिंह काशी विगत 12 तारीख को एक राज्य, एक राजधानी मांग के साथ गाँधी पार्क धरना पर बैठ गए थे। उनकी मांग थी कि उत्तराखंड की राजधानी आंदोलनकारियों के सपना के अनुरूप गैरसैण मे बनाई जाएं।
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के प्रमुख रणनीतिकार ‘सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी ने कहा कि 20 साल तो क्या 20 घंटे से कम समय के अनुष्ठान में तो देवता भी यजमान की विनती सुन लेते हैं परन्तु उत्तराखंड के निरंकुश विधायक है, जो दो दशक बीत जाने पर भी जनता और उत्तराखंड आंदोलन की अवधारणा स्थाई राजधानी गैरसैण बनाई जाएं कि आवाज को अनसुना करते जा रहे है। प्रवीण काशी सुप्तावस्था मे पड़ी सरकार को जगाने व जनता की विनती को उनके समक्ष लें जाने के लिये दण्डवत करते हुए प्रदेश के मुखिया के आवास तक यात्रा निकालने जा रहे थे, परन्तु ऐसा लग रहा है कि धामी सरकार अनशनकारी से घबरा गईं है।
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के संयोजक मदन भंडारी ने स्थाई राजधानी के मुद्दे पर सरकार की टालमटोल को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए, अब बड़ी लड़ाई के लिए गैरसैण अभियान कर्मियों को लामबंध होने का आह्वान किया है। मदन भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड की सरकार गैरसैंण के मुद्दे पर रत्तीभर भी सकरात्मक दृष्ठिकोण नहीं रखती है, इसलिए इस सरकार ने पहले घोषणा की थी कि इस बार का सत्र गैरसैण मे सम्पन्न होगा परन्तु बाद मे पलटते हुए देहरादून मे ही सत्र करवाया। इससे सरकार गैरसैंण के मुद्दे पर बेनकाब हो चुकी है।
गैरसैण के लिये आमरण अनशनकारी को उठाते ही उत्तराखंड आंदोलनकारियों मे भी उबाल आ गया और आनन -फानन मे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संगठन जिनमें उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी0) एवम उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन मैदान में उतर आये। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी. के प्रदेश संयोजक रविंद्र कुमार प्रधान एवम उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जबर सिंह पावेल जो कि वरिष्ठ आंदोलनकारी हैं स्वयं अनशनस्थल पर धरना पर बैठ गए।
उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी. के प्रदेश संयोजक रविंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की मूकदर्शिता को देखते हुए अब मौन बैठना मूर्खता कहलाएगी। उन्होंने दण्डवत यात्रा जैसे पूर्णतः अहिंसक कार्यक्रम को पुलिस बल के बलबूते विफल करना को तानाशाही कदम बताया व कहा कि सरकार की तानाशाही प्रवृति के खिलाफ अब मोर्चा बांधना आंदोलनकारियों की जिम्मेदारी बन गईं है।
उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जबर सिंह पावेल ने कहा कि धामी सरकार का बार बार पलटने की प्रवृति से आंदोलनकारियों व जनता मे कुंठा व रोष उत्पन्न हो रहा हैं। उन्होंने घोषणा की कि जब तक राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैण घोषित नहीं होती है, दुनिया की कोई भी ताकत आंदोलनकारियों की आवाज नहीं दबा सकती है।