नरेन्द्र नगर कोषागार में करोड़ो का घोटाला, कोषाधिकारी समेत पांच आरोपी गिरफ्तार
नरेन्द्र नगर। नरेंद्र नगर कोषागार में करोड़ों रुपए का गबन करने वाले अभियुक्तों को टिहरी पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में किया गिरफ्तार कर लिया है।
वरिष्ठ कोषाधिकारी टिहरी श्रीमती नमिता सिंह द्वारा थाना नरेंद्रनगर पर तहरीर देते हुए बताया कि कोषागार नरेंद्र नगर में कार्यरत कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी तथा पीआरडी कर्मचारी सोहबत सिंह पडियार के द्वारा विगत कुछ वर्षों से कोषागार के ई-पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ व कूट रचना कर पेंशनर के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के बैंक खातों में फर्जी तरीके से पेंशन/एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया गया है।
तहरीर पर थाना नरेंद्रनगर में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया तथा प्रथम दृष्टया दो करोड़ अड़तालीस लाख छियालीस हजार आठ सौ उनतीस रुपये का गबन पाया गया।
जुर्म के संगीन होने तथा धोखाधड़ी एवं कूटरचना कर भारी मात्रा में सरकारी धन का गबन किए जाने पर श्री नवनीत सिंह भुल्लर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद टिहरी गढ़वाल द्वारा अभियोग के अनावरण एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु तत्काल अपर पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल श्री राजन सिंह, क्षेत्राधिकारी नरेंद्रनगर श्री रविंद्र कुमार चमोली एवं के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र नगर श्री प्रदीप पंत के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने अभियुक्त गणों को 24 घंटे से भी कम समय में गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।
पूछताछ में अभियुक्त गणों द्वारा बताया गया कि हम लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है, फिर हम लोग ई-पोर्टल में उनके ळत्क् नंबर पर उन्हें जीवित दर्शाकर उनके खातों तथा नाम को कूटरचना कर अपने परिचितों का खाता नंबर/ नाम आदि डाल देते थे तथा रुपया अपने परिचितों के खाते में ले लेते थे। इसके पश्चात अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे तथा इस प्रकार एक षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी करने की नियत से कूटरचना एवं फर्जीवाड़ा कर स्वयं के लिए अनैतिक लाभ अर्जित करते थे।
एसएसपी ने टिहरी पुलिस की त्वरित कार्यवाही पर पुलिस टीम को नगद 2500 रुपये की धनराशि से पुरस्कृत किया गया।
किसने कितना किया गबन
जगदीश चंद्र कोषाधिकारी द्वारा गबन की गई धनराशि 5,13,542 रुपये , विनय कुमार चौधरी लेखाकार द्वारा गबन की गई धनराशि 1,19,68,579 रुपये, सोहबत सिंह पीआरडी, नरेंद्रनगर कोषागार द्वारा गबन की गई धनराशि 23,46,748 रुपये, कल्पेश भट्ट क्लर्क, पशुपालन विभाग नरेंद्र नगर द्वारा गबन की गई धनराशि 26,54,302 रुपये तथा रणजीत कुमार द्वारा गबन की गयी धनराशि 1,39,325 रुपये।
बता दें कि 29 दिसंबर की रात नई टिहरी कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। चार आरोपियों में दो कोषागार के कैशियर यशपाल सिंह नेगी और जयप्रकाश शाह हैं। दो अन्य लोगों के खिलाफ 409 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
करोड़ो रूपये के गबन के लापता दूसरे आरोपी यशपाल सिंह नेगी का वाहन भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। दोनों अधिकारियों के वाहन मिलने से जहां प्रशासन में हड़कंप मच गया है वहीं पुलिस लापता अधिकारियों की तलाश में जुटी हुई है।
सूत्रों के अनुसार देर रात यशपाल नेगी का वाहन ढालवाला से मिला है। दोनों अधिकारी 25 दिसंबर से लापता है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने चारों के बैंक खाते सील कर दिए हैं। दोनों अधिकारियों के वाहन पुलिस को मिल गए हैं। जिसमे से कई फाइले बरामद हुई है। पुलिस अब अधिकारियों की खोज में जुटी हुई है।
कुछ दिन पहले नैनीताल ट्रेजरी में घपला सामने आने पर उत्तराखंड पेंशन एवं हकदारी निदेशालय देहरादून ने टिहरी कोषागार में भी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद से टिहरी ट्रेज़री में पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर से अचानक गायब हो गए थे। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी कोतवाली में दर्ज कराई। गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात को कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों के खिलाफ 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन की तहरीर दी थी।