स्वच्छता, हम सब्यौं जिम्मेबरि च

कींच (गंदगी) सर्या दुन्या की बौत बड़ी दिकदारि च। भारत देस तैं स्वच्छ बणौंणा खूंणि 9 साल पैलि प्रधानमंत्री न 2 अक्टूबर 2014 मा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ सुरू कै छायी अर सर्या देस मा स्वच्छता कु रैबार दे छायीं। ‘स्वच्छ भारत’ कु मकसद अपड़ा गौ-गळौं, बाटौं, अपड़ा घौर इन्नै-फुन्नै साफ-सफै करणा कु छायीं। राष्ट्रपति महात्मा गांधी न देस तैं आजाद कर्ये पर ऊंकु ‘स्वच्छ भारत’ कु सुपिनु पुरु नी ह्वै साकु। महात्मा गांधी न अपड़ा चौछ्डि लोगु तैं साफ-सफै अर सफै क बारा मा शिक्षा देकैकि सर्या देस तैं एक रैबार दे छायीं। सफै केवल एक आदिमी जिम्मेबरि नीं च बल या घार, समाज, देस अर दुन्या सबि मनखियों क जिम्मेबरि च। हमतैं सफै क फैदा अर महत्व तैं समझण चैंद।

हमतैं या सौं लिंण चैंद क हम कखि बि गंदगी नी करला अर ना कैथैं कखि गंदगी करण द्यूला। सफै क बारा मा ब्वलें जांद कि अपडु-अपडु घौर साफ करला त सर्या दुन्या साफ ह्वै जाली।

कतगै बिमारियौं तैं बशम करणा खूंणि सफै बौत जरूरी हूंद। सफै एक बौत अच्छी आदत च, जु हम सब्यौं खूंणि बौत जरूरी च। हमतैं अपड़ा घार, अपड़ा इन्नै-फुन्नै सदनि सफै रखण चैंद। सफै हमर व्यक्तित्व तैं बि दिखान्द। इल्लै हमतैं सदनि साफ कपड़ा पैंरण चैंदन अर अपड़ा शरैल तैं साफ रखण चैंद।

24 सितम्बर खूंणि सर्या दुन्या मा विश्व सफाई दिवस मन्यें जान्द। ऐ दिन पर कु मनौंणा कु मतलब समाज मा सफै कु महत्व पर सफै का बारा मा सब्यौं तैं बतौंण चु। सफै हमरि जिन्दगी मा बौत जरूरी च। हमतैं साफ सफै तैं अपड़ आदत बणौंण चैंद, हमतैं कुड़ा सदनि डब्बा मा हि डलण चैंद किलैकि कींच वा जड़ च जु बिमरियौं तैं न्यूतणा कु काम करदि। जु लोग रोज नीं नहेन्दा, गंदी जगौं मा रैन्दन वु लोग सदनि बिमार रैन्दन। गंदगी जख बि होलि वख कीटाणु, बैक्टीरिया वाइरस अर फंगस जन्नि कै बिमारी पैदा हून्दन।

भारत तैं साफ बणौंणा खूंणि भारत सरकार स्वच्छता तै ंखूब प्रचारित अर प्रसारित करणि च। सफै क बारा मा लोगु तैं जागरूक कर्यें जाणु च। हमथैं स्वच्छता तैं सिरफ एक दिन, एक घण्टा, कु ना बल रोज, सदनि अपड़ा जिन्दगि कु हिस्सा बणाण प्वाडलु तबि सै मा महात्मा गांधी जी अर प्रधानमंत्री कु ‘स्वच्छ भारत कु सुपिनु पूरु ह्वै सकलु।

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