नौन्याळु तैं जरूर कर्यां योग
अज्काला नौन्याळु तैं मुबैल, कम्प्यूटर, वीडियो क दुन्या जाता पसन्द आन्द। वु सदनि मुबैल, टीवी में रन्दन, त दूसर तरफा ऊंकु खेलकूद, हरकण-फरकण (फिजिक एक्टिविटी) न क बराबर ह्वैग्यीन। इन्न मा नौन्याळु कु शैरल अर मानसिक विकास सै तरिका से नीं ह्वै सकणु च। या खूंणि ब्यै-बुबा तैं चयेंद बल अपड़ा नौन्याळु खूंणि थ्वड़ा सि बगत निकल्यां अर बच्चौं तैं कसरत जरूर कर्यां।
यां बच्चौं कु शरैल तन्दुरस्त राळु अर दगड़ा-दगड़ि बच्चौं कु मानसिक विकास बि सै तरिका से होलु। त आवा जणदा छौं कि बच्चौं तैं कु-कु कसरत करणौं चैंदन –
ताड़ासन –
ताड़ासन म सीधु खडु़ ह्वै कि द्विया हत्थु तैं मुण्ड से मत्थी लिजैकि पूरू शरैल तैं मत्थी खिंचदन अर मट्ठु-मट्ठु कैकि फ्यपनों (एड़ियौं) तैं उठौंन्दन। बिना डिग्यां समणि कै बि बिन्दु पर एक टक लगौंण जादा स जादा देर तक रैंणा कोसिस करण चैंद। ये आसन से शरैल खास कैकि तीक (कमर) क ह्डकों मा खिंचाव पैदा हून्द। जै से नौन्याळु क लम्बै बढ़दि अर यांक दगड़ि बच्चौं तैं याद करणा तागत बढ़दि।
वृक्षासन-
वृक्षासन म सीधु खडु ह्वैकैकि बैं ( बाएं) खुट्टु तैं मोड़िकि अपड़ा दैं (दाएं) खुट्टा कु जंागडा (जांघ) म रखण। दैं खुट्टु पर सर्या शरैल कु भार धैरिक द्विया हत्थु तैं मुण्डा मत्थी लिजैकि टक एक बिन्दु पर लगाण, जतगा देर तक इन्नु कै सकदौ उतगा देर तक कर्यां। यांका बाद इन्नु दूसर खुट्टन बि कर्यां। ये आसन तैं करण से बच्चौं तैं एकाग्रता बढ़द।
बालासन –
खुट्टौं तैं मोड़िकि फ्यपनों (एड़ियौं) पर बैट्ठिण। अपड़ा पुट्टौं तैं फ्यपनों म रखण अर सांस लेकैकि अपड़ु मुण्ड भ्वां म लगौंण कोसिस करण। यांक बाद अपड़ द्विया हत्थु तैं फ्यपनों क नजीक लिणांण यखम हथ अगास क जनै हूंण चैंदन। यु आसन करण से दिमान शान्त अर डिप्रेशन दूर हून्द। बच्चौं म गुस्सा कम हून्द अर बच्चौं कु ज्यूं तैं इन्नै-फुन्नै नीं भटगण देंन्दू।
भ्रामरी प्राणायाम –
अपड़ा खुट्टौं तैं मोड़िकि कमर, धौंण सीधि कैकि बैठ्यां अर अपणा द्वीया कन्दुणु तैं हत्थु बन्द कैकि हौरि अंगुळों न आंखा बन्द कर्या। लम्बी सांस लेकैकि छ्वड़यां। इन्न 5 से 10 बार अभ्यास करण चैंद। ऐ आसन बि दिमाग शांत अर आंखौं क रोशनी बढ़द।