मुख्यमंत्री अनिल रतूड़िक लिखि किताब ‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’ कु विमोचन कायी
देरादूण। मुख्यमंत्री धामीन आज देरादूणम उत्तराखण्डा पैल्यक पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़िक लिखि किताब ‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’ कु विमोचन कायी। या किताब आईपीएस अप्सरन अपणि जिन्दगि अनुभव क अधार पर लेखि।
मुख्यमंत्री न बोलि कि अनिल रतूड़िक लिखि यीं किताबा जरिया एक पुलिस अप्सर क अपणि नौकरि का अनुभव अर चुनौतियौं क बारम च। उन्न बोलि कि सफलता अर असफलता द्विया दसा मा एक समान रैंणु स्थितप्रज्ञता च। या किताब पुलिस सेवाम आण वला लोगु तैं फैसला लिंणा म मदत कारली।
मुख्यमंत्री न बोलि क अनलि रतूड़ी न एक सफल अर कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी क् रूपम काम कायी। अनिल रतूड़ी अर श्रीमती राधा रतूड़ी न अपणा काम अर व्यवहार से उत्तराखण्ड म ही ना बल सर्या देसम अपणि एक खास जगा बणै। द्वियौंन असाधारण काम कैरिक अपणि अलग पछ्याण बणै।
मुख्यमंत्री न बोलिकि अनिल रतूड़ी न अपणि नौकरिम कै बार चुनौतियौं कु सामना कायी अर अपणि इच्छाशक्ति क बल पर समस्याऔं तैं हल बि कायी।
उन्न बोलि कि मनखिम ज्यूं तैं शांत रखणा कु अर अपणि मंजिल तक पौंछणा कु गुण हूंण जरूरी च।
मुख्यमंत्री न बोलि कि पुलिसम शांति अर कानून बन्दबस्त बणौंणा की बड़ी चुनौती हूंद। अर चुनौती क समणि इच्छाशक्ति अर संयम हूंण बौत जरूरी च। उन्न बोलि या इन्नि जातरा च कि जैमा उकाल-उन्दार अर चुनौती आणि रैंदन।
‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’ कितबिक लेखक अनिल रतूड़ी न बोलि कि यीं कितबि क जरिया उन्न पुलिस अधिकारी क रुपम साढे़ तीन दशका तजुर्बौं क अधार पर चुनौतियौं क बारम बतौंणा की कोसिस कायी। उन्न बोलिकि शांति अर कानून बन्दुबस्त बणौंणा खुणि पुलिस तैं ज्वा तागत दिये ग्यायी, वीं तागत कु इस्तमाल मानव कल्याण खुणि करणु जरूरी च।
उन्न बोलिकि कैबि काम की सफलता पिछनै एक आदिम न बल बौत सर्या लोगुकु योगदान हूंदन।
ऐ मौका पर डीजीपी अभिनव कुमार, पूर्व मुख्य सचिव एन. रविशंकर, साहित्यकार अर पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पाण्डे, शासन अर पुलिसा अधिकारी अर साहित्य से जुड्या लोग छायीं।