बिना किताब पढ़े कैसी मासिक परीक्षा

UK Dinmaan

नये शिक्षा सत्र शुरू होने के 1 महीने के बाद भी अभी तक बच्चे बिना किताबें के ही स्कूल में शिक्षण कार्य कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग मासिक परीक्षा का फरमान जारी कर चुका है।

सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबें खरीदने के लिए 250 रूपये उनके खाते में दिया जाता है। लेकिन नये सत्र शुरू हुए एक माह होने के बाद भी बच्चों के खातों में किताबों का पूरा पैसा नहीं पहुंच पाया। विभाग द्वारा बच्चों के खाते में पैसा बांटने में भी अनियमिता बरती गई है। यहां किसी बच्चे खाते में 100 रूपये तो किसी के खाते में 200 रुपये ही भेजे गये है। ऐसे में कुछ बच्चे किताबों के और कुछ बच्चे बिना किताबों के ही स्कूल आ रहे हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के कारण सरकारी स्कूल 15 अप्रैल से ही खुल पाये है। जबकि 16 अप्रैल से प्रदेश के सभी स्कूलों छात्र संख्या बढ़ाने के लिए प्रवेशोत्सव मनाया गया।

ऐसे में विभाग द्वारा बच्चों को पुस्तकें खरीदने के लिए धनराशि का वितरण न होने के कारण अध्यापकों द्वारा बच्चों को पिछली कक्षा का ही रिवीजन कार्य ही कक्षा में करवाया गया।

वहीं दूसरी तरफ मासिक परीक्षाएं शुरू किये जाने का फरमान विभाग द्वारा जारी किया जा चुका हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का 29 एवं 30 अप्रैल को मासिक टेस्ट कराने की तिथि घोषित कर दी है।

ऐसे में सवाल उठना लाजमी है अभी स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई शुरू हुए 15 दिन भी नहीं हुए। ऐसे में समझा जा सकता है कि बिना किताबों के बच्चों की पढ़ाई ही नहीं हो सकी तो वे मासिक टेस्ट क्या देंगे।

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