बदरीनाथ धाम कु स्वरुपौं दगड़ मा क्वीं छेड़छाड़ नी कर्यें ज्यां : चण्डी प्रसाद भट्ट
गोपेश्वर। पर्यावरणविद अर समाजसेवी चंडी प्रसाद भट्ट न बदरीनाथ मास्टर प्लाना कु कामु तैं लेकैकि प्रधानमंत्री थैं चिट्ठी लेखि। चंडी प्रसाद भट्टन चिट्ठी मा लेखि कि बदरीनाथ धाम मा मास्टर प्लाना क कामु मा भगवान बदरीनाथ कु पुरातन धार्मिक स्वरूपौं थैं उन्नि रखणा क विनती कायी।
उन्न लेखि बल बदरीनाथ भूगर्भीय अर भू आकृतिक नजर मा बौत संवेदनशील च। बदरीनाथ धामा न 1803, 1930,1949,1954, 1970 अर 2007 मा आपदा देय्खीं च। 1974 मा बिरला ग्रुप न जय श्री ट्रस्ट बदरीनाथ धा मा बदळौं करणा क कोसिस कै छायीं। त अबरि क उत्तरप्रदेस सरकार क वित्त मंत्री नारायण दत्त तिवारी क अध्यक्षता मा बणि समिति न रोक लग्यंे दे छायीं।
उन्न बोलि कि माणा गौ क रैवासियों न मास्टर प्लान मा हूंणा कामु क बारा मा बतै कि बदरीनाथ मा पंच धारौं मा एक धारा कूर्मधारा कु बाटु बदळि ह्वैग्यें, किलैकि वख खनन हूंणू च। उन बोलि यु बदरीनाथ कु स्वरूप थैं बदळि करण जन्नि हि च।
उन्न चिट्ठी मा लेखि कि बदरीनाथ क पुरातन, स्वरूप अर मंदिर परिसर, सिंहद्वार, भोगमंडी, प्रहलादधारा, कूर्मधारा, मृगुधारा, उर्वशीधारा अर इंद्रधारा अर गरुड़, नर, नृसिंह, बराह मारकंडेय शिलाओं क दगड़ तप्तकुण्ड, नारद कुण्ड अर ब्रह्मकपाल पर क्वीं छेड़छाड़ नी कर्यें जाण चैंद। उन्न प्रधानमंत्री से बदरीनाथ धाम कु मास्टर प्लान मा हूंण वळा कामु मा बदरीनाथ धाम कु स्वरुपौं थैं जन्न च उन्न रखणा क विनती कायी।