आयुष चिकित्सकों ने एक दिन के वेतन कटौती को बताया अनुचित, कहा वेतन कटौती पर तुरन्त रोक लगे
दून। आयुष कोरोना वारियर्स पिछले छह माह से पिछले छह माह से लगातार कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी में तैनात है। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखण्ड सरकार उन्हें प्रोत्साहन भत्ता देने के बजाय उनके वेतन से प्रत्येक माह एक दिन की वेतन कटौती कर रही है। जिसका कि आयुष चिकित्सकों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है।
राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजी.) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. डी. सी. पसबोला द्वारा उत्तराखंड सरकार द्वारा इस तरह से प्रतिमाह एक दिन की वेतन कटौती को अनुचित एवं आयुष चिकित्सकों के मनोबल को हतोत्साहित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि सरकार वेतन कटौती करने के बजाय आयुष चिकित्सकों को प्रोत्साहन भत्ता देकर उनका मनोबल बढ़ाने का काम करती।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री जी द्वारा एलोपैथिक चिकित्सकों को इस सम्बन्ध में सकारात्मक आश्वासन दिया था लेकिन आयुष चिकित्सकों के सम्बन्ध में ऐसा कोई भी आश्वासन नहीं दिया गया। जबकि प्रदेश के कोविड सर्विलांस ड्यूटी, कोरंन्टाइन सेंटर्स ड्यूटी तथा सैम्पल कलेक्शन सेंटर्स में 95 प्रतिशत आयुष फ्रन्टलाइन कोरोना वारियर्स ही अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित डीएसीपी की मांग भी अभी सरकार ने पूरी नहीं की।
वहीं प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ. अजय चमोला ने आयुष चिकित्सकों एवं स्टाफ के एक दिन की वेतन कटौती पर तुरन्त रोक लगाये जाने की मांग की है।