अटलजी की अस्थियां गंगा में विसर्जित, हरिद्वार में उमड़ा जनसैलाब
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भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां आज ‘अटल तुम लौट के आना और भारत माता की जय‘ के गगनभेदी नारों के बीच पूरे विधि-विधान और वैदिक मंत्रोचारण के साथ हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर गंगा में विसर्जित कर दी गईं। अस्थियों को उनकी बेटी नमिता ने गंगा में विसर्जित किया।
अटल जी का अस्थि कलश लेकर उनके परिजन, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह करीब साढ़े ग्यारह बजे जौलीग्रांट हवाई अड्डे से हरिद्वार भल्ला कॉलेज पहुंचे। यहां से अस्थि कलश को रथ में तब्दील सेना के ट्रक में रख अस्थि कलश यात्रा हरकी पैड़ी रवाना हुई। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी को अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित करने को जन-सैलाब सड़कों पर उतर आया। पूरे रास्ते प्रसिद्ध गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों की पंक्तियां‘ खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफर करते हैं की गूंज थी।
जिस वक्त ब्रह्मकुंड पर वाजपेयी परिवार के तीर्थ पुरोहित पंडित अखिलेश शर्मा ‘शास्त्री‘ और श्रीगंगासभा के आचार्य हरिओम जैवाल अस्थि विसर्जन का कर्म-कांड संपन्न करा रहे थे, उस वक्त पाश्र्व में अटल जी के प्रसिद्ध भाषण की ये पंक्तियां गूंज रही थी कि‘..और मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा तो एक ही आवाज आयेगी, भारत माता की जय।‘
इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी के अलावा उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे।