विधानसभा भर्ति, गलत थैं सै अर सै थैं गलत बतौंण क कोसिस किलै . . .?

उत्तराखण्ड विधानसभा मा पिछनै द्वार बटि लग्यां 228 कर्मचारियों तैं नौकरि बटि हटौंणा कु विधानसभा अध्यक्षा न जु फैसळा ले वैकीं चौछ्डि तारिफ हूंण च। त दूसर तरफा ऐ मामला मा प्रदेसा राजनैतिक दळु क असलि मुखड़ि समणि ऐग्यें।

विधानसभा मा जनि भर्ति मा घपरोळ ह्वै या बात समणि ऐ, उन्न विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी न झट एक जांच कमेटी बण्यें अर कमेटी न जनि अपड़ि रिपोर्ट दे अर बतै कि विधानसभा मा सबि भर्ति असंवैधानिक छन। तनि विधानसभा अध्यक्षा न झट 2016 बटि 2022 तकका लग्यां कर्मचारियों तैं नौकरि बटि हट्यें दे।

नौकरि जाणा क बाद विधानसभा बटि निकलयां कर्मचारी नैनीताल उच्च न्यायालय मा चलिग्यीं, जख एकल पीठ न उथैं नौकरि बटि निकलणा कु विधानसभा अध्यक्षा कु आदेश पर रोक लग्यें दे पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूति विपिन सांघी क अध्क्षता मा द्वी जजु क खण्डपीठ न 24 नवम्बर 2022 फैसळा सूणंे अर विधानसभा अध्यक्ष कु फैसळा तैं सै बतै।

यांका बाद विधानसभा क भैर बटि निकल्यां कर्मचारियों विधानसभा क भैर नौकरि पर दुबारा लग्यें जाणा खूंणि धरना सुरू कै दे। उन्न बोलि कि विधानसभा मा 2016 से पैळि भर्ति हूंया कर्मचारी बि उन्नि भर्ति ह्वीं, जन भर्ति हमरि कर्यें ग्यें। विधानसभा अध्यक्ष न 20016 से पैल्यक लग्यां कमचारियों पर क्वीं कारवै नीं कै अर हमथैं नौकरि बटि हटें दे। यू हमर दगड़ मा निसाब नीं च। उंकी मांग च कि हमथैं दुबरा नौकरि पर लियें ज्यां।

विधानसभा बटि भैर कर्यां कमचारियों क लड़ै मा अब प्रदेसा द्वी राजनैतिक दळ खड़ा छन अर उथैं दुबरा नौकरि पर लगौंणा क मांग करणा छन। कांग्रेसा नेतौं न त विधानसभा अध्यक्ष क दगड़ मा भेंट कायी अर विधानसभा बटि भैर कर्यां कमचारियों थैं दुबरा नौकरि फर रखणा खूंणि विधानसभा अध्यक्ष तैं चिट्ठी दें। त अब यीं लड़ै मा भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी बि बीच मा ऐग्यीं। उन्न बि मुख्यमंत्री थैं चिट्ठी लेखिक नौकरि पर लगौंणा क मांग कायी। स्वामी न बोलि कि इन्न कन्न कैकि ह्वै सकदु कि एक हि जगा मा, एक ही तरौं से नौकरि फर लग्यां कर्मचारियों पर द्वी फैसळ कन कैकि ह्वै सकदन। उन्न सराकर पर आरोप लग्यें कि कुछ ळोगु क गलत तरौं से भर्ति हूंणा क बाद बि बच्यें ग्यें अर कुछ कर्मचारियौं क भर्ति तैं गलत बतै कि भैर कर्यें ग्यें या कारवै सै नीं च, यु एक विधान एक संविधान कु उल्लंघन च।

इन्ना मा बडु सवाल हि यौं च कि क्या विधानसभा अध्यक्षा न गलत फैसला कायी? क्या विधानसभा अध्यक्षा क गलती या च कि उन्न विधानसभा मा पिछनै क द्वार बटि लग्यां कर्मचारियों थैं भैर ही नीं कै बल प्रदेसा नेतौं तैं ऐना दिखें एक मिसाल दे?

वखि हमरा भवैष्य बणौंण वला नेता विधानसभा बटि भैर कर्या कर्मचारियों क दगड़ मा खड़ा छन अर ऊथैं दुबरा नौकरि पर लगौंणा मांग करणा छन अर ब्वना छन कि उंकी कुटुम्दरि दिकदरि मा च। त भै बन्दौं दिकदरि मा प्रदेसा बेरोजगार बि छन, जु सड़कियों मा पुलिसा लाठा खणा छन, दिकदरि मा त उंकी कुटुम्दरि बि च। उंकी पीड़ त क्वीं नी समझि साकु , क्या उ अपड़ा नी छन।

विधानसभा बटि भैर कर्मचारियों के दगड़ एक हि शर्त पर खडु ह्वैं जै सकदु कि 2016 से पैल्यका लग्यां कर्मचारियों तैं बि नौकरि बटि निकल्यें ज्यां। पर यख त मामळा हि उल्ठु च, यख त राजनैतिक दळ भैर कर्या कर्मचारियों क दगड़ खड़ा छन। यां से साफ च कि उत्तराखण्ड बणणा क बाद विधानसभा मा जु बि भर्ति ह्वै, वै मा खुब खेळ ह्वै अर अपड़ा-अपड़ौं थैं नौकरि दियें ग्यें। यीं वु कारण च कि आज विधानसभा अध्यक्षा सै फैसळा तैं गलत, अर गलत भर्ति तैं सै बत्यें जाणा खूंणि राजनैतिक पार्टी क नेता पूरी कोसिस मा लग्यां छन।

या प्रदेस निखणि नीं त क्या च एक तरफा बेरोजगार प्रदेस मा हूयां भति घपरोळा क जांच सीबीआई से करौंणा मांग थैं लेकैकि सड़कियौं मा लाठा खाणा छन। त दुसर तरफ विधानसभा बटि भैर निकल्यां कमचारियौं थैं जरा बि सरम नीं च की उन्न गलत तरीकों न नौकरि हासिल कायी। पर अबि त हमरा राजनैतिक दळ पिछनै क द्वार बटि नौकरि पर लग्यां कर्मचारियों क नौकरि बचौंण खूंणि अपड़ा-अपड़ा सिंग पल्येणा छन। विधानसभा बटि भैर हूंया कर्मचारियों क दगड़ मा नेतौं क या कळकळि (सहानुभूति) बतौंणि च कि विधानसभा मा पिछनै क द्वार बटि हूयीं भर्ति नेतौं क रजामंदी हि नी ह्वै बल नौकरि बि अपड़ा अपड़ों थैं दियें ग्यें।

पिछनै क द्वार बटि भर्ति हूयां कर्मचारियों तैं नौकरि बटि निकळणु गलत कतै नी ह्वै सकदु?
अब रे निसाब क बात त, हां यु विधानसभ बटि भैर कर्या 228 कर्मचारियौं खूंणि निसाब कतै नी ह्वै सकदु पर प्रदेसा लाखों बेरोजगारु खूंणि यु निसाब च अर सै निसाब च।

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