घबड़ाट च या कुछ हौरि . . . ?

जनि-जनि चुनौ अगने बढ़णु च उन्नि इन्नु प्रधानमंत्री मोदी क घबडा़ट साफ दिय्येणि च। साल 2024 लोकसभा चुनौ सदनि समलौण रालु किलैकि यख सत्ता म औंणा खूणि एक -दूसर पर इन्न तीर चलयें जाणा छन कि बस हम हि छौं। यामा कांग्रेस हूयां या भाजपा द्विया कैसे कम नीं छन।

तिसरु चरणा चुनौ क बाद त चुनौ अभियान हौरि बि भड़काऊ ह्वेग्ये। अबि तक चुनौ मा मुसलमान, पाकिस्तान, आरक्षण हि हूणूं छायी पर अब त चुनौ म शहंशाह, औरंगजेब, अफ्रीका, चैन्ना, ईडली, साबर, ज्यूंद भ्वां मा खड्यूण, कैल अपणि ब्वै कु दूद प्याई अर एक दूसर तैं असलि-नकलि बतौंणा पर बि ऐग्यें।

यांका बाद बि सबसे बड़ी बात ज्वां सबि राजनैतिक दल हि ना बल सर्या देस तैं झक्क करणि च। वा च प्रधानमंत्री कु एक बयान जु उन्न तेलंगाना क करीमनगर म बोलि- प्रधानमंत्री बोलि कि पांच साल बिटि कांग्रेसा शहजादा दिन-राति एक हि माळा जपणा छायीं, अडाणी-अडाणी, अंबानी-अंबानी। पर अब जब चुनौ ऐ तब बिटि उन्न अंबानी अर अडाणी तैं गाळि देंणि बंद कर दै किलै? प्रधानमंत्री अगनै बोलि कि क्य उन्न अंबानी अर अडाणी बिटि झोळा भौरि-भौरि क काला धन लियालि।

प्रधानमंत्री न बोलि कि मि कांग्रेसा शहजादा से पूछण चाणू छौ कि उन्न अडाणी अर अंबानी से कतगा माल ल्यायी? क्य कालु रुप्या ब्वर्या मा भौरि-भौरि की ल्यायी? कांग्रेस पार्टी तैं चुनौ खूणि युन कतगा माल द्यायी? क्य गाड़ी भौरिकि माल पौंछ्यें ग्यायी।

प्रधानमंत्री क यीं बात च कि सबि राजनैतिक जणगुरु झक्क छन। किलैकि की सर्या देस जणदु च कि प्रधानमंत्री मोदी क अडाणी अर अंबानी क दगड़ि कन्ना रिसता छन।

अब कुल जमा यौं च कि तिसरु चरणा चुनौ क् बाद भाजपा क् हालात खराब च। अर जब प्रधानमंत्री मोदी तैं जब क्वी हौरि रसता नी दिखै त, उन्न सीधा अंबानी अर अंडाणी क नौं लेकैकि राहुल गांधी पर हमला कै दे। प्रधानमंत्री सोचि त कुछ छायीं पर ह्वे कुछ हौरि ग्ये। साफ च कि प्रधानमंत्री जु कालु रुप्यौं कु झोळा कांग्रेसा मुण्ड मा ध्वळणा (फेंकने) कोसिस कायी यु ऊंका हि मुण्ड मा पोडिग्ये। प्रधानमंत्री कु यु सर्या खेल खराब ह्वेग्ये अर सबि प्रधानमंत्री मोदी क पिछनै हि पोड़िग्येन।

सवाल राहुल गांधी पर न बल प्रधानमंत्री से हूंण बैठिग्येन बल अडाणी अर अंबानी क् काला रुप्यौं क गंध प्रधानमंत्री क नकपोड़ु तक कनैकैकि पौंछि। अर अब जब अडाणी अर अंबानी क काला रुप्यौं क सच प्रधानमंत्री तैं पता छायीं, उन्न ऊं पर कारवै किलै नीं कायी? जन बौत सर्या सवाल छन, जौकि जबाव त प्रधानमंत्री हि दे, सकदन। उनि बि प्रधानमंत्री क् यु ब्वना बाद भाजपा अर भाजपा क प्रवक्तौं न त अपणा गिच्चौं पर म्वाला लगै दींन।

लेकिन यांका बाद बि या बात प्रधानमंत्री न बोलि त यांकु क्वीं न क्वीं त मतलब होलु , किलैकि प्रधानमंत्री न जब कि भष्ट्राचार अर भष्ट्राचारी क् बारा मा कुछ बि बोलि त, या त यु जेल गैने, या भाजपा म ऐग्येन। अब प्रधानमंत्री न अडाणी अर अंबानी कु नाैं ल्यायी त, अब यु क्य करदन अबि त यु त सबि भवैष्य क पुटगा म च।

पर या बात साफ च प्रधानमंत्र मोदी यन घबड़ाट (घबराहट) म बोलि, जु उल्टु ऊंका हि मुण्ड मा पोडिग्ये।

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