अंकिता क कतलन देवभूमि क दीदी-भुल्ली जन्नि संस्कृति थैं भि टीस (ठेस) पौंच्ये
आखिर क्या कसूर छायीं अंकिता कु? नौकरि कैकि अपड़ा खुट्टौं मा खडु हूंणू या अपड़ि कुटमदरि कु सहारा बणणि कुटुम थैं मजबूत करणा कु? क्या कसूर छायीं अंकिता कु? अर कु-कु जिम्मेबार छन अंकिता कु कतल कु? इन्न बौत सर्या सवाल छन जु प्रदेस के रैवासियों क जिकुड़ि थैं झंजोड़ना छन आखिर किलै हम अपड़ि दीदी भुल्लियों अर नौनियों थें सुरक्षा अर सम्मास से जीणा कु हक नि सदकणा छौ। अंकिता भण्डारीक कतलन या बात साफ ह्वै ग्यें कि धर्मनगरी ऋषिकेश भि अब मुलजिमों से बचीं नीं च।
ऋषिकेश मा चलण वला रिजॉर्ट पर भि सवाल छन। घटना मा सबसे बडु दुख देंण वलि बात च बल राजस्व पुलिस क लापरवै। राजाजी नेशनल पार्क मा सखत नियम छन यांक बाद भि बिना लाइसेंस के पार्क मा कैनकैकि रिजॉट बण्यां छन। अर कैकि मदतळ रिजॉर्ट मा शराब अर शबाब जन काम हूंणा छायीं। अब सवाल त यौं भि च बल देवभूमि मा इन काम हूंणा छन लेकिन कैल भि यां क बारा मा जांच पड़ताल करणा क दरकार भि जरूरी नि समझि। अब अंकिता कतल क केस मा जांच त ईं बातिक भि हूंण चैंद कि रिजॉर्ट मा आण वला वीवीआईपी कु छायीं अर कै वीवीआईपी थैं खास सेवा देंणा क मांग अंकिता से कर्यें जाणि छायीं। जांच ऐ बातिक भि हूंणचैंद कि रिजॉर्ट मा बुलडोजर कैक आदेश च चल्यें ग्यें। मुख्यमंत्री अर विधायक यांक जिम्मबरि लिंणा छन त जिलाधिकारी कुछ औरि ब्वना छन। जै कारण उत्तराखण्ड क ऋषिकेश हूंया अंकिता कु कतलन केस मा सर्या देस मा प्रदेस सरकार क खुब मखोल हूंण च।
दूसर तरफ प्रदेस मा कानून कु बदोबस्त अर नेतौंक लफंडर औलादु थैं लेकैकि सर्या उत्तराखण्ड रैवासी गुस्सम छन अर निसाब खूंणि सड़क्यिों मा छन। अंकिता क कतलन सरकरि ताम छाम मा कतगा झोल छन यु समणि ऐग्यें। अब ऐ मामला मा सरकार अपड़ि चिरीं इज्जत पर 25 लाख रूप्यौं क थ्येगळा (टल्ला) लग्यें कि बचौंणा कु काम करणि च।
पर ईं घटना न हमरि जिकुड़ि थैं झिझोंणि दें अर हमथैं यु स्वचण पर मजबूर करि दे बल आखिर कैक मदतळ उत्तराखण्ड मा अपराध फूलणा फलणा छन? अर वु कु लोग छन जु यु थैं पलणा छन? वखि ऐ मामलान देवभूमि क दीदी-भुल्ली जन्नि संस्कृति थैं भि टीस (ठेस) पौंच्ये, घटना देवभूमि खूंणि बौत बदनमि क बात च।