आखिर किलै फट्टदन बादल ?

राजधानी देरादूण मा छंचर क सुबेर बरखाळ भारी तबै मच्यें देे। देरादूण अर टिरी मा बादल फटणक घटना समणि ऐ। जै कारण सै यू जगो मा बौत जादा नुकसान ह्वै। उत्तराखण्ड हि न बल्कि पाड़ मा बादल फटण के घटना बौत जादा समणि आणि छन।

आखिर क्या हूंद बादल फटणा कु मतलब:
मौसम वैज्ञानिकु क अुनसार बादल जब पाणि लेकैकि चलदन तब ऊंकु रस्ता मा जब क्वीं रूकावट ऐ जान्द तब बादल फट जन्दन अर संघनन बौत तेजी से हवै जान्द। या मा हूंद इन्न च कि कै लाख लीटर पाणि एक हि जगा मा खते जान्द।

या थैं इन्न समझे जै सकदु, जन्न एक पाणि कु गुब्बारा मा पाणि भ्वरू च अर अचाणचक गुब्बारा फुट्ट ग्यें, तब गुब्बारा कु सर्या पाणि एकदम सै भैर ऐ जालु। इन्न हूंदू बादल फटणा कु मतलब।

वैज्ञानिकों क भाषा मा बादल फटणा एक टेक्निकल टर्म च जैकु मतलब च अचाणचक बहुत तेज बरखा। आईएमडी क मापदंड क अनुसार एक घण्टा मा 100 एमएम बरखा हूंदू तक वै खूंणि ब्वलन बादल फटण। भुंय्यां बटि 12 से 15 किलोमीटर असमान मा बटि हूंण वलि बरखा थैं बादल फटण ब्वले जांद।

किलै फट्ट दन बादल
अगास बटि एक हि जगा मा बौत तेज बरखा थैं बादल फटणा ब्वलें जान्द। बादल फटणाक घटना क बगत इन्न हूंद बल जब नमी वला बादल एक जगा मा जादा देर तक रूकि जन्दन तब वखम पाणि क बूंद एक दूसरा क दगड़ मा मिलि जन्दिन। याल बादलु कु घनत्व बढ़ि जान्दु अर एक हि जगा मा कै लाख लीटर पाणि बरखण लगि जान्द।

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