आखिर कब तई बेराजगारू क सुपिनों क दगड़ ठट्टा . . .

यूकेएसएसएससी पेपर लिक मामला मा एसटीएफ अबि तक 12 ळोगु थें पकड़ि याली पर असलि सवाल अबि तई बच्यूं च, बल ऐ घोटाला के जलुड़ा भुंय्यां (जमीन) मा कतगा ताल तक ज्यां छन? ऐ भर्ती घोटाळ न उ ज्वानु क सुपिनौं थें तोड़ि दें जु दिन, रात मेनत कैकि इमत्यान क त्यारि करणा छायीं अर जौ न इमत्यान दें छायीं। इन्न मा सवाल त यू भि च बल आखिर कब तक हम नौकरि खूंणि मेनत करणा वला बेरोजगारू क हक पर इन्नि डाका डळणा रौळा? प्रदेस मा बीपीडीओ भर्ती घोटाळा क्वीं पैळु भर्ती घोटाळु नि च। यां से पैळि बि भर्ती घोटाळों पर भि बौत सवाल ह्वीं। जन दरोगा भर्ती, पटवारी भर्ती, पटवारी भर्ती अर फारेस्ट गार्ड भर्तियों मा भि पैळि सवाल खड़ा ह्वीं।

उत्तराखण्ड राज्य बणाणा क बाद से भर्ती मा कन घोटाला हूंण छन या एसटीएफ न बतै। एसटीएफ न बतै कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चनय आयोग मा गोपनीय काम करण वळि एक प्राइवेट एजेंसी के कम्प्यूटर प्रोग्रामर जयजीत न पर्चा भैर कायी।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला मा एसटीएफ जु द्वियां आरोपी पकड़ि वु यूनिवर्सिटी मा नौकरि करणा छायीं। पकड़यां आरोपियों मा एकन इमत्यान भि दें अर इमत्यान मा पास भि ह्वैग्यें। अर दूसरन औरि बच्चों थैं इमत्यान क त्यारि करैं। पकड़यां ळोगु मा एक आयोग कु पैल्यकु कर्मचारि छायीं अर एक कोचिंग सेन्टर कु मालिक।

अब औरि कतगौं थैं नकल कर्यें ग्यें अर कतगा नौना इंतयान मा पास ह्वीं अबि तक ईं बातिकु पता नि चळि। कुल मिलैकि ब्वलें जै सकदू यूं एक नकल माफियों कु जाळ छायीं। परीक्षा मा गड़बडि क शिकैत त बौत पैळि बटि हि हूंणि छायीं। जै कारण से आयोग पर भि शक हूंणू छायीं। सीधी भर्ती मा गड़बड़ी इन्न मा आयोग पर सवाल त हूंण हि चैंदन। यां मा सबसे बडु़ सवाल त यौं च बल ऊं नौना कु क्या दोष छायीं जू दिन राति पढ़ै अर पैसा खर्च कैकि इमत्यान के त्यारि करणा छायीं अर जौ मा इम्तयान पास करणा क काबलियत बि छायीं। लेकिन अब ऐ घोटळा क कारण उथैं नौकरि नि मिळि सकि, अर बाकी रईं सईं कसर पिछनै क द्वार बटि जन्न कि उपनल, पीआरडी मा नौकरि करण वळों न लुच्छीं याली।

अब या स्वचण वलि बात च कि आखिर कब तक बेरोजगारू क सुपिनों क दगड़ मा इन्न ठट्टा (मजाक) करणा रौळा? अबि त एसटीएफ न छवट्टा माछा हि पकड़िन बड़ा माछा कब पकड़ें जाळा यू बड़ु सवाल च? अर जब तक ऐ भर्ती घोटाळा क जालड़ों थैं खोदिक ईं बातिकु पता नि चळि जाळु कि भष्टाचार क जलड़ा कख तक ज्यां छन तब तक ए जांचिकु क्वीं मतलब हि नि च।

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