समाज खुणि चिंतै बात . . .

प्रकाश पांडे बल पीपी पांडेय तैं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा कु मंहत बणणा खबर समणि ऐ। रानीखेता खनौइया गौं कु रैवासी पीपी पाण्डेय तैं दीक्षा देकैकि मंहत कु दर्जा दिये ग्यायी अर यां का दगड़ा-दगड़ि पीपी तैं अंसेश्वर मठ, मुनस्यारी माता कु मठ, गंगोली हाट म लमेश्वर, यमुनोत्री म भैरव अर भद्रकाली मंदिर कु मठाधीश बण्यें ग्यायी।

प्रकाश पाण्डे नौं क एक आदिम तैं मठाधीश बणै ग्यायी क्वीं खास बात नीं, खास बात या च कि अल्मोड़ा जेल म बन्द उमरकैदा सजा कटणु प्रकाश पाण्डे तैं महंत कु दर्जा दिये ग्यायी। जैकु नौं अब प्रकाशनंदा गिरी ह्वेग्ये। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा नागा संयासियौं कु सबसे बडु अखाड़ा जैन अल्मोड़ा जेल मा जैकि प्रकाश पाण्डे तैं दीक्षा द्यायी।

खास च बल पीपी पाण्डेय कु इतहास, जु कैसे लुक्यूँ नीं च। 90 कु दसक म गैंगस्टर प्रकाश पांडे माने पीपीक डौर उत्तराखण्ड मा हि ना बल मुंबई तक छायीं। छोटा राजन क दगड़ि काम करण वलु पीपी इतगा खतरनाक लफंडर छायीं कि ब्वलें जान्द कि वु द्वी दा दाऊद तैं मरणा खुणि कराची चलिग्ये। पिछल साल पौड़ी जेल म बन्द पीपी तैं, हरद्वार जिला जेल, त कुछ मैनों पैलि वैंथै अल्मोड़ा जेल फट्ये ग्यायी। इन्न मा वैंथै जु अन्डरवर्ल्ड डॉन कु खास आदिम च, जु जेलम उमर कैदा सजा कटणु च वैंथै दीक्षा देकैकि श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा कु महंत बण्यें जाणा की खबर झसकौंणि (अचंभित) च।

एक महंतम दया, करुणा अर परोपकारा जन्ना गुण हूंदन। जु मानवता खुणि बौत बरदान हूंद। संत तैं सदाचारी, अच्छु व्यवहार, सेवा भाव अर भगवाना पूजा पाठ वलु हूंण चैंद। संत कु बरतौब लोगु दगड़ि पवैत्र अर लोगु खुणि आदर्श हूंण चैंद। संत समाज तैं संस्कारवान अर सदाचारा बाटौं पर चलण की शिक्षा दिंदन।

अब सवाल यों च बल आखिर नागा संयासियों तैं जेलम सजा भुगतणु ऐ अपराधीम इन्नु क्य गुण दिखे कि उन्न वैंथे जुना अखाड़ा अर चार मठु कु मठाधीश बणै। अब क्य जुरमा दुन्या कु बादशाह संत कु च्वाला पैरिकि लोगु तैं आशीर्वचन देलु। आखिर यांकु जवाब कु देलु? सवाल त यों बि च बल श्रीपंचदशनाम अखाड़न क्य यु काम कैका डौरन या लोभ लालच म कायी। वखि सवाल जेल प्रशासन पर बि छन, आखिर जेल प्रशासन जेलम दीक्षा कु कार्यक्रम कैकि मंजूरिन उर्यें। सच समणि औंण चैंद। एक कैदी जु जेलम सजा भुगतणु च वैंथै संत बणौंणा कतै सै नीं च।

किलैकि अगर हम एक जेलम सजा भुगतण वला आदिम तैं महंत कु दर्जा दे द्युला त समाजम धार्मिक अर नैतिक विस्वास कमजोर ह्वे जालु। किलैकि एक अपराधी संत बणि जालु त, संतु पर बिटि समाज कु भरोसु टुटि जालु अर लोग नैतिक अर धार्मिक आदर्शौं पर सवाल खड़ा कराला। अर बड़ी बात यु संत धार्मिक शिक्षा कु गलत इस्तमाल कै सकदु अर धर्मा कु रैबार तैं लोगु तैं गलत तरौं बतै सकदु।

इल्लै एक अपराधी तैं संत कु दर्जा देंणु सनातन धर्म अर संत समाज खुणि चिंतै बात च, यु संत समाज कु बि अपमान च। यांकी जांच हूंण चैंद अर सच समणि औंण चैंद, नथर लोग धर्म अर धार्मिक संस्थानु पर विश्वास कनैकिक कराला।

त स्वाचा! अब हम एक अपराधी तैं मंहत कु दर्जा देकैकि समाज तैं कै दिसा म लिजाणा छौ।

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