चारधाम यात्रा शुरू करने को हरीश रावत ने किया ‘सांकेतिक मौन उपवास’
दून। उत्तराखण्ड सरकार ने चार धाम यात्रा को शुरू करने के लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका वापस ले ली है। ऐसे में राज्य सरकार अब हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को शुरू करवाने के लिए मजबूत पैरवी करने की बात करने लगी है।
जहां आम आदमी पार्टी चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर लगातर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत ने उपवास और मौन की राजनीति से चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों के रोजगार और आस्था को कांग्रेस के पक्ष में करने के लिए सारे दांव पेंच चल दिए हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत का मौन, उपवास सत्ता में वापसी को लेकर अपनी खास रणनीति में जुटी कांग्रेस और कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत भी चारधाम यात्रा के मुद्दे को चुनाव में छोड़ना नहीं चाहते हैं। हरीश रावत लगातार चारधाम यात्रा के मुद्दे पर प्रदेश की धामी सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। अब हरीश रावत ने सांकेतिक मौन उपवास के जरिए बीजेपी सरकार निशाना साधा रहे हैं।
हरीश रावत का कहना है कि –
सरकार में जो चारधाम यात्रा को लेकर असमंजस है जिसका दुष्प्रभाव आर्थिक व श्रद्धालुओं पर पड़ रहा है उसके विरोध में आज देहरादून स्थित आवास पर तीसरे ‘सांकेतिक मौन उपवास’ पर बैठा। मैं समझता हूंँ कि सरकार को सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करके ऐसा कोई रास्ता निकालना चाहिए जिसको हाईकोर्ट की भी अनुमति मिल जाए और जिससे यात्रा भी प्रारंभ हो जाय।
उनका कहना है कि चारधाम यात्रा के प्रारंभ किये जाने को लेकर लोग बहुत उद्वेलित हैं। कोरोना के तीसरे संक्रमण की चेतावनी भी है, मगर जिंदगी का क्रम भी चलता रहना चाहिये। सरकार कुछ सावधानियां बरतकर चारधाम यात्रा का आयोजन कर सकती है। यह पूरा सीजन यदि चला गया तो फिर पूरा एक वर्ष तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के लिए समाप्त हो जाएगा और लोगों एवं क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर बड़ा गहरा असर पड़ेगा तो मैं सरकार के ऊपर अकेले यह दायित्व न रहे, यह लगे कि ये जनता की मांग भी है।
इस दौरान मौन उपवास में श्री हेमकुंड साहिब के उपाध्यक्ष एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, अमित वैश, आशीष गोयल, प्रणब गिलहोत्रा, उत्तरकाशी से अजय पुरी, रवि नेगी, सुभाष सिंह, विशेष जगुड़ी, प्रभुलाल बहुगुणा जी, रंजीत डसीला, मोहन काला सहित अन्य साथी मौजूद रहे।