शुभ कार्य में आकाश से पानी की बूंदें आ जाएं तो कार्य शुभ से शुभम हो जाता है : राष्ट्रपति
गोरखपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि किसी भी शुभ कार्य में बारिश का होना शुभम का प्रतीक है।
महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह मंे मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लोगों का उत्साह देख प्रफुल्लित हो गए। समारोह में बारिश के बावजूद जनसमूह का उत्साह देखने लायक था।
राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म शास्त्रों में यह मान्यता है कि शुभ कार्य के दौरान आकाश से पानी की बूंदें आ जाएं तो कार्य शुभ से अत्यंत शुभम हो जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुरुओं की महिमा बताने वाले गुरु गोरखनाथ ने कहा था कि सुख स्वर्ग है और दु:ख नरक। शरीर निरोग रहे इस ध्येय को सफल बनाने ले लिए यूनिवर्सिटी की स्थापना हो रही है। शरीर को स्वास्थ रखने के लिए विभिन्न चिकित्सा पद्धतियां हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार ने अलग आयुष मंत्रालय का गठन किया है। इससे सत्र और स्तर दोनों बढेंगे। शोध संस्थान की भी स्थापना होगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस विश्वविद्यालय का नाम गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखना सार्थक है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी गोरख की प्रतिष्ठा की है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन में आरोग्य वन को स्थापित किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया और स्वीकार्यता दी। कोविड में आयुष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले दो दशक में औषधीय खेती और मांग बढ़ी है। इस विश्वविद्यालय से आयुष को बढ़ावा मिलेगा। बड़े भाग्य से मानव शरीर मिला है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सुबह जब लखनऊ से चले तो मौसम पूर्वानुमान के अनुसार जानकारी थी कि आज बारिश होने वाली है। बारिश में भी जुटे भारी जनसमूह को देख राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के प्रति आप सबके समर्पण की भावना ही है कि खुद प्रभु इंद्रदेव का भी आशीर्वाद मिल गया है।
गौरतलब है कि 28 अगस्त को गोरखपुर में प्राचीन और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की भमि पूजन कर आधार शिला रखी जो प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा।