भगवानपुर मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर सदन में हंगामा
दून। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन आज विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित करने पड़ी। कांग्रेस विधायकों ने भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज न बनने के मामले में विरोध जताते हुए सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की तीखी बयानबाज़ी के बाद विपक्षी सदस्य सदन के बीचों बीच इकक्ठे को गये और नारेबाज़ी करने लगे, जिसके चलते सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा।
हरिद्वार ज़िले के भगवानपुर क्षेत्र से विधायक ममता राकेश ने डॉ. बीआर आंबेडकर के नाम पर बनवाए जाने वाले मेडिकल कॉलेज के निर्माण में हुई सालों की देर को सरकार की नाकामी बताते हुए सवाल किए। राज्य के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने जवाब में कहा कि नियमानुसार एक ज़िले में एक से ज्यादा मेडिकल कॉलेज नहीं बन सकता। इस जवाब को स्वीकार न करते हुए कांग्रेस के विधायकों ने सदन में भारी हंगामा किया।
इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने रावत से स्पष्ट जवाब मांगते हुए पूछा, ‘उत्तराखंड सरकार भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज बनवाना चाहती है कि नहीं?’ इसके बाद विपक्षी विधायकों ने सदन में नारेबाज़ी शुरू कर दी और राज्य सरकार को दलित विरोधी बताया क्योंकि भगवानपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल के बार बार कहने पर भी जब विपक्ष ने हंगामा बंद नहीं किया, तब सदन को करीब आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
पत्रकारों से बातचीत में प्रीतम सिंह ने सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाया। वहीं, सदन में इस मामले में बहस करते हुए मंगलौर से विधायक काज़ी निज़ामुद्दीन ने साफ तौर पर कहा कि ‘जब श्रीनगर में मेडिकल कॉलेज होते हुए भी पौड़ी ज़िले में कोटद्वार में दूसरा मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है, तो किस नियम के हिसाब से हरिद्वार में दूसरा मेडिकल कॉलेज नहीं खोला जा सकता।