भगवान जगन्नाथ को हर साल 14 दिन के आइसोलेशन में रखा जाता है

कोरोना वायरस ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया में कहर मचाया हुआ है। जिस किसी व्यक्ति को कोरोना के जरा सा भी लक्षण दिखायी देते है। उन्हें क्वारंटीन में किया जाता है।

लेकिन क्या कभी आपने भगवान को क्वारंटीन होते देखा है? जी हां यह सत्य है। सर्दी जुकाम होने पर भगवान को भी होम क्वारंटीन में रखा जाता है और वह भी 14 दिन तक आइसोलेशन में रहते हैं। भगवान जगन्नाथ को हर साल होम क्वारंटीन के साथ 14 दिन के आइसोलेशन में रखा जाता है।

हर साल रथ यात्रा से पहले ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा से 15 दिन तक प्रभु जगन्नाथ जी बीमार पड़ते हैं। इस दौरान उन्हें मंदिर में आइसोलेशन में रखा जाता है। जिसे अनासार कहा जाता है। इस अवधि में भगवान के दर्शन बंद रहते हैं एवं भगवान को जड़ी बूटियों का पानी आहार में दिया जाता है। अनासार में मंदिर के कपाट भक्तों के लिए पूर्ण रूप से बंद रहते हैं और भगवान को सिर्फ काढ़े का ही भोग लगाया जाता है. यह परंपरा हजारों साल से चली आ रही है।

भगवान के दर्शन के लिए भक्त भी 15 दिनों तक इंतजार करते हैं। बीमार हुए भगवान रथ यात्रा से एक दिन पहले वह स्वस्थ होते हैं। मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ के पुजारी उनके स्वस्थ होने के लिए पूजा करते हैं और 15 दिन तक औषधीय गुणों से युक्त काढ़े का भोग लगाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी काढ़े से भगवान 15 दिन में पुनः स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देते हैं।

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