“लिंगड़ा” औषधीय गुण से है भरपूर
लिंगड़ा की हरी कोमल डंठल में विटामिन ए, विटामिन बी कांप्लेक्स, पोटाशियम, काॅपर, आयरन, फैटी एसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, कैरोटिन और मिनरल्ज भरपूर मात्रा में मौजूद हैं। इन दिनों बाजार में लिगड़ा आसानी से मिल जाता है। इसकी सब्जी और साग बनाकर भी खाया जाता है।
पहाड़ी नदी नालों में पाई जाने वाली जैविक पौधा लिगड़ा या लिंगड़ी, फर्न न केवल पौष्टिक सब्जी है।
लिगड़ा औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ -साथ हमारे शरीर को कई रोगों से मुक्त करने में कारगर है।
डायबिटीज दूर करे-
डायबिटीज रोगियों के लिए यह रामबाण दवा है। प्राचीन काल में लोग लिगड़ा की हरी कोमल गोलाकार डंठल का सेवन करते थे और डायबिटीज जैसी घातक बीमारी से दूर रहते थे। (फर्न) लिगड़ा में मधुमेह, चर्म रोग सहित अन्य बीमारियों को भी दूर करने की क्षमता है।
लिवर और आंतों की समस्या में कारगर-
लिवर में होने वाली गड़बड़ को ठीक करने और आंतों में सूजन या आंतों से संबंधित बीमारियों को तुरंत ठीक करने में लिगड़ा की हरी कोमल डंठल को हल्की आंच में उबाल कर खाने से तुरंत आराम मिलता है।
फोड़े-फुंसियों में फायदेमंद-
लिगड़ा की जड़ को बारीक कूट या पीस कर फोड़े- फुंसी वाली जगह के चारों ओर लगाने से तुरंत आराम मिलता है और फोड़े और फुंसियां ठीक हो जाती है। यह जख्मों को शीघ्र भरने में सक्षम है।
गठिया में लाभदायक-
लिगड़ा की जड़ को पीसकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है। इस सब्जी का सेवन करने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। लिगड़ा कुपोषण सहित अन्य कई बीमारियों के लिए बेहतर सब्जी है। इसमें विभिन्न पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में है।