लैंटाना झाड़ी से मुक्त होंगे उत्तराखण्ड के वन क्षेत्र, मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश

दून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वन विभाग को वन क्षेत्र से लैंटाना घास को हटाने के निर्देश दिये है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लैंटाना/कुरी जैसी प्रजाति को वन क्षेत्र से हटाते हुए स्थानीय प्रजाति के घास, बांस तथा फलदार पौधों का मिशन मोड में रोपण कर जंगलों की गुणवत्ता बढ़ाई जाए तथा वन्यजीवों की आवश्यकतानुसार वास स्थल विकसित किये जाएं।

लैंटाना पर्यावरण के लिए भी खतरनाक प्रजाति की झाड़ी है। जो अपने आस-पास किसी अन्य वनस्पतियों को पनपने नहीं देती साथ ही लैंटाना का फैलाव भी बड़ी तेजी से होता है। पहाड़ों से लेकर मैदान तक प्रदेश मेें झाड़ी के रूप में लैंटाना ही नजर आता है। लैंटाना की सबसे ज्यादा मार शाकाहारी वन्यजीवों के भोजन पर पड़ी है।

ऐसे में लैंटाना/कुरी जैसी प्रजाति को वन क्षेत्र से हटाते हुए स्थानीय प्रजाति के घास, बांस तथा फलदार पौधों का मिशन मोड में रोपण कर जंगलों की गुणवत्ता बढ़ाई जाने हेतु प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) उत्तराखंड राजीव भरतरी ने इस संबंध में सभी डीएफओ को निर्देश पत्र जारी किया है।

प्रमुख वन संरक्षक ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लैंटाना /कुरी के वन क्षेत्रों के हजारों एकड़ क्षेत्रफल में फैलाव से स्थानीय घास प्रजातियाँ प्रभावित हुई हैं, इन क्षेत्रों से उक्त प्रजाति हटाने संबंधित कार्य योजना तैयार कर घास नर्सरी बनाई जाए। इसके लिए कैंम्पा परियोजना से 38 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।

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