कोरोना को मात दे चुके लोगों कि लिए वैक्सीन की एक डोज ही काफी

वैक्सीन की किल्लत की खबरों के बीच उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से राहत की खबर आई कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में वैक्सीन की एक डोज ही पर्याप्त है।

उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने शोध में पाया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में वैक्सीन की एक डोज ही पर्याप्त है। अपने शोध के नतीजों के बारे में बीएचयू के प्रोफेसरों ने अपने शोध के नतीजों के आधार पर केन्द्र सरकार को सुझाव दिया है कि जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए हैं उन्हें वैक्सीन की एक ही डोज लगाई जाए।

उनका तर्क है कि ऐसा करने से 2 करोड़ वैक्सीन की डोज बचाई जा सकती है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या 2 करोड़ से ज्यादा है। ऐसे मे भारत में वैक्सीन की किल्लत की देखते हुए यह बड़ी राहत की का बात है।

बीएचयू में न्यूरोलाॅजी विभाग के दो प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा और प्रोफेसर अभिषेक पाठक और माॅलिक्यूलर एंथ्रोपोलाॅजी विभाग के एक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने 20 लोगों पर ये शोध किया है जो कोरोना से ठीक हो चुके थे उन्होंने पाया कि कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज पहले 10 दिन में उन लोगों में पर्याप्त एंटीबाॅडी बना देती है, जो कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं। वहीं कोरोना से संक्रमित नहीं हुए लोगों पर वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद उतनी एंटीबाॅडी नहीं बनाती।

प्रोफेसर चौबे का कहना है कि ये स्टडी उत्तर भारत के लोगों पर फरवरी के महीने में की गई थी, जो कोरोना की पहली लहर में संक्रमित हुए थे और जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन लगी थी। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन पर ऐसी ही स्टडी वो अब कर रहे हैं।

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