बाबा रामदेव: योग गुरू छौं, योग गुरू हि रावा, डागटर बणणा की जरुरत नि च

रामदेवळ कोरोना काळ मा अपण हाथ मा जान घैरिक काम करण वहा डागटरू क मखोळ बणैं। वै थैं सै कत्तई नि ब्वळैं जै सकदु। डाॅ हर्षबर्धन क् लताड़ का बाद बाबा रामदेवळ अपणि ब्ळी बात त वापस ल्याळ, लेकिन क्य्या या बात काफी च।

कोरानिळ बणैं कि बाबा रामदेव जादा ही छुईंयों मा छायी। अबि कुछ दिन पैळि पतंजळि मा कोरोना से कड़ाण्दा (बीमार) मनखियों का इलाज कोरानिळ से करणा कु दावा कैकि रामदेवळ एलौपैथी थैं लेकैकि एक विवादित बयान दे द्यायी, जैकु वीडिया खूब वायरळ ह्वै ग्यायी।

बाबाळ एलोपैथि थैं स्टूपिड साइंस बतै। डाॅ. हर्षबर्धन क लताड़क बाद बाबा रामदेवळ अपणि बात वापस ळियाळ। लेकिन उन्न एक चिट्टी लेखिक फार्मा कम्पनी अर आईएमए क नौं से 25 सवाळ पुच्छईं। जै कारण से रामदेव दुबरा ळोगुक छुईं बथौं मा ऐग्नीं।

त अब रामेदव थैं बचाणा खूंणि आचार्य बाळकृष्ण भि बिचम ऐग्यीं। उन्न भि ट्वीट कैरिक ल्याख कि र्सय देस थैं ‘ईसाई’ बणाणा खूंणि बाबा थैं निसाणां बणैं जांणु च। अर बाबा थैं निसाण बणैं कि आयुर्वेद थैं बदनाम करै जांणु च। जै कारण से बाबा क दगड़ा मा अब बालकृष्ण भि खुब छुईं बथौं मा छन। लेकिन बालकृष्ण क ट्वीट पर सवाळ भि खड़ा हूंणा छन आखिर ईं बहस मा धर्म कख बटि ऐग्यायी अर ऊं भि ‘ईसाइ’ धर्म। यखम त इन्न लगणु च कि आचार्य जी केबळ मनखियों क ध्यान भटकणा खूंणि ये मामळा मा धर्म थैं बीच मा ळय्याण छन।

कोरोनिळ कु प्रचार करणा खूंणि कै भि चिकित्सा पदति कु अपमान अर विंथैं खराब बताणा कु कैथै भि कुईं अधिकार नी च। इन्न मा बाबा थैं जादा फुन्दया नि बणण चैंद अर समझण चैंद कि हर कैकु अपणी जगा मा अपड़ु महत्व च।

आयुर्वेद बौत पुरणि विद्या च या बात सै च कि बाबा आयुर्वेदक महतव थैं मनखियों थैं बतौंण छन। लेकिन या बात बि उतगा सै च कि आजै जमाना मा ऐलौपेथी बौत दरकार च। हम न त आयुर्वेद थैं, न होम्योपैथी थैं अर न ऐलौपेथी थैं नखरू बतै सकदा। अर बाबा तुमथैं याद करण चैंद कि जब बालकृष्ण क त्बय्त खराब ह्वै छायी तब उंकु इळाज भि ऐळोपैथि दवैळ एम्स मा हि ह्वै छायी।

https://youtu.be/JAavE3UUGT4

इनमा बाबा रामदेव एळोपैथी डाॅक्टर पर कैनकैकि सवाळ उठाणा छन। बाबा रामदेव ब्वळण छन कि कोरोना को द्वी-द्वी टीका लगाणा का बाद भी डागटर म्वरणा छन। तब बाबा जी कोरोना का टीका द्वी लग्गिं कि चार म्वरणत सब्यों न च, अर इन्नों ह्वै कि सकदु कि कोरोनिळ पेंण क बाद तुम अमर ह्वै ज्यां। लेकिन सैद कोरोनिळ थैं लेकैकि तुमथैं या बौत बड़ि गलतफहमी ह्वै ग्यायी।

तबि तुम इन ब्वळणक छौं कि कैकु बबा भी रामदेव थैं पकड़ि (गिरफ्तार) नि सकदु। त वै दिन थैं याद कारा जब तुम पुळिस का मार से बचणा खूंणि कज्याणियों का सूलार कुरता पैरिक अपणि जान बचै कि भागा छायी। लेकिन अब तुममा या हिकमत (कैकु बबा भी रामदेव थैं पकड़ि नि सकदु) कख बटि ऐग्यायी या समझण वळी बात च। लेकिन जब कोरोनिळ क उद्घाटन मा केन्द्रीय मंत्री खड़ा राळा अर बाबा क दवै कु गुणगान कारळा त समझै जै कसदु कि बाबा थैं हिकमत कख बटि एै ह्वैळी।

त बाबा जी टक्क लगैं कि सुण ळय्वा यख मनखि जतगा जळदी बाबाओं थैं मुण्ड मा धरदीं, उतगा हि जळदी भय्यां मा भि धोळि दिन्दी।

कोरोना काळ मा डागटर अपडा घरबार छोड़िक विनसरि बटि, राति तक काम करणा छन। इन्ना हम उंकी हिकमत नि बणैं सकदा त हमथैं उंकु अपमान भि नि करण चैंद। डागटरू पर उंगुळि उठाण से पैळि हमथैं स्वास्थ्य बन्दबस्त क हालत भि दख्यण चैंणि। स्वास्थ्य बन्दबस्त पर भि छंईं बत्था करण चैंद। आयुर्वेद बौत फैदामंद, लेकिन हम जै देस मा रैंदों वख हम रंगडु (राख) मंत्रिक बि ठीक ह्वै जन्दो। त बाबा योग गुरू छौ, त योग गुरू हि रावा, एलोपैथि सैन्स पर उंगुळि उठाणा क अर डागटर बणणा क जरुरत नि च।

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