नहीं रहे वरिष्ठ हास्य लोक कलाकार राम रतन काला

उत्तराखण्ड के बहुचर्चित वरिष्ठ लोक कलाकार, रंगकर्मी व गायक राम रतन काला का बुधवार रात हृदय रूकने से निधन हो गया।

तेरो मछोई , सूदी नी बौनु, जननी को मरयुं छौ, हल्दी हाथ, तीतरी फसे चखुली फसे, समदोला का द्वी दिन, रॉक एण्ड रोल, सरू तू मेरी, ब्यौली खुजे द्यावे, आदि जैसे अनेकों गढ़वाली गानों में उनके हास्य अभिनय की छाप आज भी आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।

मूल रूप से पौड़ी जिले के सतपुली निवासी राम रतन काला बहुत सहज ठेट ग्रामीण पृष्ठभूमि के कलाकार थे। वे आकाशवाणी और दूरदर्शन के जाने-माने कलाकार रहे हैं। उन्होंने कई गढ़वाली फिल्मों में वे हास्य कलाकार की भूमिका में अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *