मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की पशुपालन एवं मत्स्य विभाग समीक्षा
Dinmaan
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज सचिवालय में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा रोजगार सृजन के लिए किये जा रहे कार्यों की प्रतिमाह स्टेट लेबल पर समीक्षा की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य के क्षेत्र में रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों एवं सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि ऊन उत्पादन से पशुपालकों की आय में कैसे वृद्धि की जा सकती है और इसके अच्छे इस्तेमाल के लिए वैल्यू एडिशन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाय। पोल्ट्री, दुग्ध उत्पादन, ऊन उत्पादन आदि क्षेत्रों में किन जनपदों में अच्छा कार्य किया जा रहा है और किन जनपदों को और कार्य करने की जरूरत है, इसकी नियमित निगरानी की जाय।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के टोल फ्री नम्बर 18001208862 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए कॉपरेटिव बनाये जाय। जिससे पशुपालक दुग्ध उत्पादन और उसकी मार्केटिंग का कार्य करेंगे तो उनके शुद्ध लाभ में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों के लिए ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटे, इस दिशा में पशुपालन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है। सालभर में कई दुर्घटनाएं घास लाते समय गिरने एवं जंगली जानवरों की वजह से हो जाती हैं। दुधारू पशुओं के लिए पर्याप्त आहार की व्यवस्था घरों तक कैसे हो सकती है, इसकी व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्यों में दुग्ध उत्पादन में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मत्स्य पालन में कम लागत में अच्छी इनकम अर्जित की जा सकती है, इसलिए मत्स्य पालन के क्षेत्र अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ट्राउट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाय। ट्राउट फार्मिंग हेतु चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ जनपदों का चयन किया गया है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 43.10 करोड़ के प्रोजेक्ट के संचालन की स्वीकृति प्राप्त हुई है। 03 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मात्स्यिकी विकास हेतु कुल 164 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए हैं।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम,एच सी सेमवाल, अपर सचिव डॉ वी. षणमुगम, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।