उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में शुरू हुई नई पहल

दून। राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने ‘‘स्टार्टअप, नवाचार और उद्यमिता पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’’ स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की प्रथम बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकल के लिए वोकल बनने की जो बात कही गई यह उस दिशा में प्रयास है। उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल की जा रही है। जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इन विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विविध जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां कि जैव विविधता का फायदा लेते हुए इस दिशा में अनेक कार्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं। ?

राज्य में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है।

इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और अवसरों, नवाचार और उद्यामिता को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों पर चर्चा की गई।

इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउण्डर डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए जो भी योजना बने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से बने।
नैना लाल किदवई ने कहा कि रूरल टूरिज्म एवं होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय। एग्रो प्रोसेसिंग एवं फोरेस्टरी सेक्टर में अनेक कार्य किये जा सकते हैं।
विनीत नायर ने कहा कि मेंटल हेल्थ के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं। हमें सबसे पहले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर फोकस करना होगा। वहीं रमन रॉय ने कहा कि लाईवलीहुड बिजनेस पर ध्यान देने की जरूरत है। राज्य बिजनेस के कल्चर को प्रमोट करने की जरूरत है।

राज्य में उद्यमिता के विकास के लिए विशेषज्ञों की राय महत्वपूर्ण
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। 20 सालों में राज्य ने आर्थिक गतिविधियों में काफी उन्नति की है। उद्यमियों के लिए राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। राज्य में बड़े उद्योगों पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। कोरोना काल में साढ़े चार लाख से अधिक प्रवासी वापस उत्तराखण्ड आये हैं। उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। उत्तराखण्ड में साक्षरता दर काफी अच्छी है। राज्य के युवाओं में अच्छा कार्य करने की क्षमता है, सही मार्गदर्शन वे विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य कर सकते हैं। इसके लिए विशेषज्ञों की राय काफी महत्वपूर्ण होगी। राज्य में सीएम इनोवेशन फण्ड बनाया गया है। सीएम स्वरोजगार योजना में सोलर पॉवर फार्मिंग को भी शामिल किया गया है। मेडिकल के क्षेत्र में अनेक कार्य हो सकते हैं, आयुष, वैलनेस, मेडिसनल प्लांट के क्षेत्र में काफी कार्य हो सकते हैं। हेल्थ केयर के क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के साथ रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ‘13 डिस्ट्रिक्ट, 13 न्यू डेस्टिनेशन’ पर कार्य किया जा रहा है। राज्य में मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में भी अच्छा कार्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि की संभावनाएं सीमित हैं। नगरीय विकास से सेवा क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सचिव मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, सचिव आईटी आर.के. सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, सचिव कौशल विकास डॉ. रणजीत कुमार सिन्हा, महानिदेशक उद्योग एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव कौशल विकास आर राजेश कुमार, अपर सचिव मुख्यमंत्री ईवा श्रीवास्तव, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

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