स्वास्थ्य महानिदेशालय ने हवा में उड़ाये क्वारंंटाइन के नियम
UK Dinmaan
दून। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने की जिम्मेदारी जिस स्वास्थ्य महकमे के कंधों पर है वही क्वारेंटाइन नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है।
स्वास्थ्य महानिदेशालय में बाहरी राज्यों के लोगों को 7 दिनों तक क्वारेंटाइन रखे जाने के नियम को ताक पर रखकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में दिल्ली, हरियाण व पंजाब से कुछ व्यापारी आये और शिरकत करके चले गए। खास बात यह है कि इनमें से कुछ व्यापारी रेड जोन से आए बताए जा रहे हैं।
कोरोना वायरस की रोकथाम और इसके मरीजों के उपचार के लिए उत्तराखण्ड सरकार बड़े पैमाने पर चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद कर रही है। उपकरण की खरीद स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से की जा रही है। उपकरणों के क्रय को लेकर बृहस्पतिवार को निदेशक (स्टोर) डा. तृप्ति बहुगुणा के साथ कुछ व्यवसायियों की प्री-बिड मीटिंग हुई। यह मीटिंग महानिदेशालय भवन में तृप्ति बहुगुणा के कक्ष में हुई जिसमें लगभग 20 व्यवसायियों ने भाग लिया। इनमें से अधिकांश व्यवसायी बाहरी राज्यों हरियाणा, दिल्ली व पंजाब के बताए जा रहे हैं। ये व्यवसायी बृहस्पतिवार को ही देहरादून पहुंचे और बैठक में भाग लेने के बाद शाम को अपने राज्यों में लौट गए।
ऐसे में साफ है कि इस मीटिंग में बाहरी राज्यों के लोगों को कम से कम 7 दिन तक संस्थागत क्वारेंटाइन करने के निमयों को हवा में उड़ा दिया गया। जबकि क्वारेंटाइन नियमों की मॉनीटरिंग व अवहेलना करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जिम्मेदारी खुद स्वास्थ्य महकमे की ही है।
सवाल यह उठता है कि जब बाहरी लोगों के प्रवेश से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का निजी आवास तक 14 दिनों के लिये ‘होम क्वारेंटाइन’ घोषित हो सकता है तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने खुद के मामले में क्यों क्वारेंटाइन के नियमों को नजरअंदाज किया।
मामले को लेकर अपर सचिव स्वास्थ्य, युगल किशोर पंत का कहना है कि- ‘यदि ऐसा हुआ है तो इस मामले की जांच होगी। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। नियम यह है कि बाहरी प्रदेश से आने वाले हर व्यक्ति को कम से कम 7 दिन तक क्वारेंटाइन रहना होगा’।