नेपाल सरकार ने पीछे खीचें अपने कदम, नए नक्शे को संसद में पारित करने के प्रस्ताव को लिया वापस

भारत का राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव
चीन की चाल को समझा नेपाल

नई दिल्ली: नक्शा विवाद पर नेपाल सरकार ने अपने कदम पीछे ले लिए हैं। नेपाल सरकार ने आज नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने का प्रस्ताव वापस ले लिया है।

सूत्रों के अनुसार भारत के राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव के बीच नेपाल सरकार ने अपना यह फैसला वापस लिया है। वहीं कहा जा रहा है कि नेपाल चीन की चाल को समझ गया है। जिसके बाद उसने नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने के प्रस्ताव को वापस लिया है।

भारत के कुछ भू-भाग को समेट कर नया नक्शा प्रकाशित करने के बाद नेपाल के साथ राजनीतिक तथा कूटनीतिक संबंधों में आए दरार के बीच नेपाल ने एक कदम पीछे हटा है। नेपाल की तरफ से जारी किए गए नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था। लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से आज संविधान संशोधन की कार्रवाई को हटा दिया गया है।

संविधान संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की कार्यसूची से हटाया गया। नेपाल के सत्तापक्ष और प्रतिपक्षी दल दोनों की आपसी सहमति से ही संविधान संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की कार्यसूची से हटाया गया है।

बता दें कि मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सभी दल के नेताओं ने भारत के साथ बातचीत कर किसी भी मसले को सुलझाने का सुझाव दिया था।

नेपाल ने नए नक्शे को संसद में पेश नहीं कर कूटनीतिक रूप से परिपक्वता का उदाहरण दिया।

भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता का माहौल बनाने के लिए नेपाल ने अपने तरफ से यह कदम उठाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *