31 मई को लॉकडाउन हटा तो जुलाई मध्य कोरोना के केस पीक पर होंगे: डाॅ. आर बाबू

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन 31 मई तक लाॅकडाउन है। लाॅकडाउन 31 मई को समाप्त होगा या आगे जारी रहेगा फिलहाल तो कयास ही लगाये जा सकते है।

इस बीच पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रोफेसर डॉ. आर. बाबू का कहना है कि यदि देश में 31 मई को लाॅकडाउन हटा तो कोरोना से संक्रमण के मामलों को चरम पर पहुंचने में जुलाई के मध्य तक का समय लगेगा। पिछले दो महीने में किए गए रोकथाम के मजबूत उपायों के कारण संक्रमण के मामलों में ‘मामूली बढ़ोतरी’होने की संभावना है। डॉ. आर. बाबू डब्लूएचओ के साथ करीब छह साल तक काम कर चूके।

डॉ. आर. बाबू ने कहा कि वैश्विक स्तर के मुकाबले देश में कोविड-19 (कोरोना वायरस) से मरने वालों का ग्राफ निश्चित तौर पर फिलहाल नीचे की तरफ जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर 31 मई को लॉकडाउन हटाया जाता है तो हम जुलाई मध्य के करीब संक्रमण की पीक पर होंगे, क्योंकि इसके लिए आपको तीन इंक्यूबेशन पीरियड से गुजरना होगा, जो करीब डेढ़ महीना बैठता है। उन्होंने कहा कि इतना समय यह जानने के लिए पर्याप्त होगा कि नियंत्रित नहीं किए जाने की स्थिति में यह बीमारी कैसे फैलती है।

बाबू ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन अब भारत में अनियंत्रण जैसा कभी कुछ नहीं होगा, क्योंकि यदि आप लोगों को आज भी आजाद कर देते हैं तो वे वायरस फोबिया के कारण उन कामों को नहीं करेंगे, जिन्हें वे करते थे। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमारे पास संक्रमितों की उछाल उस स्थिति के मुकाबले कम रहने की संभावना है, जो स्थिति शुरुआत में ही कुछ नहीं किए जाने से बन सकती थी। प्रोफेसर बाबू ने कहा कि अब कोरोना का संक्रमण शहरों से गांवों की ओर पहुंच रहा है। प्रोफेसर बाबू ने महामारी पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से एमपीएच और पीएचडी की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *