फर्जी कालेज खोलकर हड़प ली छात्रवृत्ति

छात्रों से डिग्री देने के नाम पर लिए दस्तावेज

छात्रवृत्ति घोटाले में देवभूमि विद्यापीठ बनबसा के मालिक ने तो जालसाजी के रिकार्ड ही तोड़ दिए। सरकारी धन हजम करने के लिए उसने नकली कालेज की स्थापना ही नहीं की बल्कि बैंक में छात्रों के खाते खेलकर सभी के एटीएम कार्ड बनाए और सारी रकम निकाल ली। मजेदार तय यह है कि समाज कल्याण विभाग ने भी आंखें मूंदकर लगभग 40 लाख रपए छात्रवृत्ति के नाम पर बैंक में खोले गए इन खातों में डाल दी। एसआईटी ने प्रबंधक समेत सभी आरोपितों के खिलाफ अपाराधिक षडयंत्र रचकर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर से लाखों रपए गबन करने का मुकदमा दर्ज किया है।

छात्रवृत्ति घोटाले में नटवरलाल की तरह का यह मामला है देवभूमि विद्यापीठ बनबसा का। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में छात्रवृत्ति विवरण में बरती गई अनियमितताओं को लेकर एसआईटी ने थाना बनबसा क्षेत्रान्तर्गत स्थित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की जांच-पड़ताल की तो देवभूमि विद्यापीठ बनबसा का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि देवभूमि विद्यापीठ बनबसा में वर्ष 2015-16 में एससी के 221 तथा एसटी के 140 छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति के रूप में कुल 39. 52 लाख रपए दिए गए हैं। यह विद्यालय किराए के भवन में वर्ष 2015 में संचालित था जो कि वर्तमान में संचालित नहीं हो रहा है। मकान मालिक सुखदेव कुमार पुरी पुत्र विष्णु प्रकाश पुरी निवासी ग्राम पचपकरिया बनबसा ने बताया कि उनका मकान चेरब जैन, अनिल गोयल और विवेक शर्मा ने किराए पर लिया था।

समाज कल्याण विभाग के अनुसार इस विद्यालय के 25 ऐसे छात्र-छात्राओं का भौतिक सत्यापन किया गया जिनका नाम छात्रवृत्ति लेने वालों में है। छात्र-छात्राओं द्वारा बताया गया कि बिचौलिये प्रदीप कुमार निवासी तितलीदिया खटीमा जनपद ऊधमसिंहनगर तथा मुकेश कुमार निवासी दिया चांदपुर खटीमा ऊधमसिंहनगर ने उनको बताया था कि देवभूमि विद्यापीठ बनबसा में एडमिशन लेने पर मुफ्त में डिग्री तथा छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके लिए उनके शैक्षिक, आय व जाति प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज लिए गए। उनको बताया गया कि उनका प्रवेश देवभूमि विद्यापीठ बनबसा में हो गया है।

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