सर्दियों में बढ़ सकता हैं दिल के दौरे का खतरा
सर्दियां आते ही दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। इसके कई कारण हैं, दिल की धमनियों का सिकुड़ जाना, मौसमी अवसाद, विटामिन डी की कमी, भोजन में अत्यधिक ट्रांस फैट, नमक और चीनी लेना। डाक्टर बताते हैं कि ठंडे मौसम में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे आक्सीजन और रक्त का बहाव दिल को कम हो जाता है। इससे हाइपरटेंशन और दिल के रोगों के मरीजों में रक्तचाप बढ़ जाता है। तापमान कम होने से ब्लड क्लॉटिंग की भी समस्या हो जाती है क्योंकि इस मौसम में ब्लड प्लेटलेट्स ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे हो जाते हैं। यह भी देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में
एनजीना और दिल के दौरे का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
हार्ट केयर के डा. अग्रवाल ने कहा यह माना हुआ तथ्य है कि सर्दियां आते ही दिल और दिमाग के दौरों और कार्डियक अरेस्ट की वजह से होने वाली मौतों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, बहुत कम लोगों को पता है कि पुरुषों और महिलाओं की इस मामले में अस्पतालों में मृत्यु दर बराबर है, लेकिन अगर ज्यादा गंभीर दिल के दौरे के बाद औरत को अस्पताल में भर्ती करवाया जाए तो उनकी जान जाने का खतरा ज्यादा होता है। अगर महिला एसटीईएमआई किस्म के दिल के दौरे की वजह से अस्पताल पहुंचे तो उसकी मौत की आशंका पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है। महिलाओं को सही समय पर उचित इलाज भी बहुत कम मामलों में मिलता है। एसटीईएमआई के मामले में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा खतरा होता है।
सर्दियों में दिल के दौरे से ऐसे बचें –
अच्छी सेहत के लिए सोलेबल और इनसोलेबल फाइबर से भरपूर आहार लें। उचित मात्रा में पानी पीने से ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता और बेहतर पाचन बना रहता है। कच्चे फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज, सूखे मेवे, बीज और ताजा जड़ी बूटियां अपने आहार में शामिल करें।
खूब धूप सेकें, धूप लगने से ही शरीर में विटामिन डी बनेगा और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी।
धूम्रपान वालों को सांस की बीमारियां सर्दियों में बहुत परेशान करती हैं और दिल के दौरे का खतरा भी बढ़ाती हैं। इसलिए धूम्रपान को छोड़ देना चाहिए।