जाड़े में जोड़ों का दर्द

UK Dinmaan

जाड़े के मौसम में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है, जो जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं या फिर जिन्हें अर्थराइटिस की शिकायत होती है। जाड़े के मौसम में कुछ एहतियात बरत कर आप जोड़ों के दर्द को काबू में रख सकते हैं या मुक्ति पा सकते हैं। जाड़े में हड्डियों और जोड़ों की सेहत ज्यादा जरूरी होती है अन्यथा दर्द आपको परेशान कर सकता है। आपने गौर किया होगा कि सर्दियों में जरा सी चोट भी लगे तो अंदर तक बड़ा तीखा सा दर्द होता है। यही चोट गर्मी के दिनों में लगती तो दर्द इतना नहीं होता। अंतर चोट या दर्द का नहीं, बल्कि उसके महसूस होने का है। दरअसल कम तापमान में हमारी नर्व्स ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं। इसलिए कई बार जोड़ों का दर्द असल में नहीं बढ़ता, बल्कि हमें महसूस ज्यादा होने लगता है। यूं भी कह सकते हैं कि ठंड में दर्द सहने की क्षमता कम हो जाती है।

खून के दौरे पर पड़ता है असर-
ठंड के कारण हमारे शरीर में खून का दौरा प्रभावित होता है। हमारा शरीर गर्म खून को दिल के पास रखने को प्राथमिकता देता है, इससे जोड़ों तक होने वाला प्रवाह प्रभावित होता है। नतीजतन जोड़ों में अकड़न और दर्द बढ़ता है। यही वजह है कि पुराने फ्रेक्चर, चोट या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी सर्जरी का दर्द भी दोबारा उभर आता है। चलना कम हो जाता है दृ कंपकंपाने वाली ठंड और शीत लहर के दिनों में हम शरीर से काम लेना बेहद कम कर देते हैं। ज्यादातर बुजुर्ग घर के भीतर ही रहते हैं। सैर और एक्सरसाइज तक छूट जाती है, लेकिन जोड़ों की सेहत के लिए नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है। यदि अर्थराइटिस की समस्या है, तो जोड़ों को अकड़न से बचाने के लिए उन्हें चलाते रहना जरूरी है, पर सर्दियों में एक्सरसाइज छूट जाने के कारण जोड़ों की अकड़न बढ़ती जाती है।

ये उपाय दे सकते हैं राहत :
सर्दियों में एक्सरसाइज करना न छोड़ें। इस मौसम में इसकी ज्यादा जरूरत होती है। एक्सरसाइज करने से खून में गरमाहट बनी रहती है। खून का दौरा सही रहता है और शरीर के हर हिस्से व जोड़ों तक पर्याप्त रक्त पहुंचता रहता है। ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने से जोड़ों का लचीलापन बना रहता है और दर्द से बचे रहते हैं। नियमित व्यायाम करने से मांसपेशियां मजबूत और सेहतमंद रहती हैं, जो जोड़ों को दर्द से बचाए रखने के लिए जरूरी हैं।

खान-पान पर ध्यान देंः
घुटनों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए विटामिन डी, सी और के भी जरूरी है, इससे हड्डियों और कार्टिलेज की सेहत सुधरती है। वहीं इन विटामिनों की कमी अपने आप में दर्द का सबसे बड़ा कारण है। जोड़ों और मांसपेशियों की अच्छी सेहत के लिए अपने आहार में फल, सब्जियां, दालें, अनाज और दूध व इससे बनी चीजें शामिल करना बेहद जरूरी है। संतरा, गाजर, पालक, टमाटर, बंद गोभी इन दिनों जरूर लेते रहें। विटामिन डी की खुराक के लिए कुछ देर धूप में भी गुजारें।

प्यास न लगे तो भी पानी पीते रहें –
ठंड के दिनों में प्यास कम लगती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि शरीर को पानी की जरूरत भी कम है। हमारे जोड़ों के बीच मुलायम ऊतकों की एक परत होती है, इसे कार्टिलेज कहते हैं। यह हमारे जोड़ों को आपस में रगड़ से बचाती है। इसे मुलायम बनाए रखने के लिए पानी की अहम भूमिका है। इसलिए पानी की कमी के कारण भी जोड़ों का दर्द सताता है। प्यास न भी लगे तो नियमित अंतराल पर हल्का गर्म पानी पीते रहें।

राहत न मिले तो डाक्टर को जरूर दिखाएं :
दर्द होने पर विशेषज्ञ डाक्टर से जांच जरूर करवा लें। समय पर इलाज न करवाने पर कई बार समस्या बढ़ जाती है। कई मामलों में डाक्टर नी-सपोर्ट पहनने की सलाह देते हैं। इसे पहनने से कमजोर जोड़ को सहारा मिलता है। आस्टियो अर्थराइटिस के मरीजों को सर्दियों में अकसर फिजियोथैरेपी की सलाह दी जाती है। इससे मांसपेशियों को मजबूत और जोड़ों को लचीला बनाने में मदद मिलती है।

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