इन मा विकास कन कै होलो ?

UK Dinmaan

उत्तराखण्ड मा विधान सभा कू शीत कालीन सत्र समाप्त ह्वेग्ये। विधान सभा मा घपरोल़ त आम बात ह्वेग्ये। पक्ष–विपक्ष क्वी बी कम नी छ। अपणा-अपणा खेल छन। जनहित अर विकास की छ्वीं-बथा भाषणों मा। उत्तराखण्ड विधान सभा मा सरकारै किरकिरी ही ह्वे। मंत्रीगण न त पढै़-लिखै कैरिकै सदन मा उपस्थित ह्वेंन अर न विभागों से समुचित जाणकारी, सवालों का जवाब ही उपलब्ध करै सकीं। या दुखद स्थिति छ।

विधायकों तैं सरकार से सवाल पुछणौ हक छ। जनहित का तमाम विषयों पर सवाल पुछणा वास्ता बाकायदा प्रश्न काल विधानसभा की कार्यवाही मा शामिल रैंद। विकास प्रगति अर राज्य से जुड़्यां, विभिन्न विधान सभा क्षेत्रों की समस्यौं अर लोक हित का विभिन्न विषयों से सम्बन्धित सवाल सरकार से पुछ्ये जंदन। अब अगर मंत्री (सरकार) सवालों का जवाब नि देंदा त जन प्रतिनिधि (विधायक) सरकारै तारीफ कन से त राया। बेशक, मंत्रिमण्डल मा सामूहिक जिम्मेदारी होंद जांकी वजह से कबि मुख्यमंत्री, कबि संसदीय कार्यमंत्री या औरि क्वी सीनियर मंत्री दुसरा मंत्रियों का विभाग से सम्बन्धित सवालौ जवाब देंदन लेकिन सवाल यो छ कि सम्बन्धित विभाग का मंत्री क्या कना छन। मंत्री सवालों को जवाब किलै नि देंदा यां पर मुख्यमंत्री तैं सख्त रवैया अपनाण चयेंद।

आखिर गोबर गणेश थरपि कै कैको फायदा होण? उत्तराखण्ड शीतकालीन सत्र मा अबकी बार अपड़ा क्षेत्र समस्यौं तै लेकन 70 मनन तीस विधायकौं न ही सवाल करीन बकै 27 विधायक यन छन जौन एक भी सवाल अपर क्षेत्र समस्या बाबत नी पूछी। शीतकालीन सत्र मा जौ 30 विधायकौं न सवाल पूछीन उ मनन 17 विधायक मैदान अर 13 पहाड़ी क्षेत्र का छन।

जनता बी त टकलगैकै अपणा चुन्या प्रतिनिधियों की तर्फ द्यखणी छ कि देहरादून भेज्यां हमारा माननीय कनौं, कैको अर कतगा विकास कना छन। लेकिन धन्य हो उत्तराखण्ड की जनता व याम्मा ही खुश च कि चलो कम से कम हमारा बिण्डि कै मंत्री व विधायक विधान सभा मा हजारी त लगाणा छन फिर चाहे वो कार्रवाही मा गायब ह्वे जांदन त क्या।

याम्मा सत्ता पक्ष व विपक्ष क्वी बी कम नी छ। विधायक निधि अर तनख्वाह-भतौं पर जु एका माननीय विधायक सदन मा दिखांदन उनो विकास अर राज्यहित का मामलों मा किलै कि दिखांदा होला भाग्यान! सोचण कि बात कि इन मा उत्तराखण्ड कू विकास कन कै होलो?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *