चंद्रयान-2 : लैंडर विक्रम की लाइफ़ 14 दिनों की : डॉ. सिवन

इसरो प्रमुख डॉ के सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क की उम्मीदें अभी ख़त्म नहीं हुई हैं।

डॉ सिवन ने कहा कि वैज्ञानिक अब भी विक्रम से संपर्क जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसकी लाइफ़ पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है।
डॉ सिवन ने कहा,”हमलोग संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। हम अगले 14 दिनों तक यह कोशिश करेंगे।’’

इसरो की योजना चंद्रयान-2 को विक्रम लैंडर के ज़रिए चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग कराने की थी लेकिन सब कुछ योजना के मुताबिक़ नहीं हो पाया। डॉ सिवन ने कहा, ‘विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य तरीके से नीचे उतरा। इसके बाद लैंडर का धरती से संपर्क टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है, हालांकि भारत के मून लैंडर विक्रम के भविष्य और उसकी स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं हो, लेकिन चंद्रयान-2 मिशन का सबकुछ खत्म नहीं हुआ है।

डॉ सिवन ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि चंद्रयान-2 की सॉफ़्ट लैन्डिंग के लिए चौथा अहम चरण था। तीन चरण सफलता पूर्वक पार कर लिए थे लेकिन आखि़री का चरण में लैंडर विक्रम का ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया।

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के दो उद्देश्य हैं। एक साइंस और टेक्वॉलजी डिमांस्ट्रेशन है। साइंस पार्ट ज्यादातर ऑर्बिटर के जिम्मे है जबकि दूसरे पार्ट में लैंडिंग और रोवर था। साइंटिफिक पार्ट में देखें तो ऑर्बिटर में विशेष पेलोड्स हैं और हम इसके जरिए चांद की सतह पर 10 मीटर तक पोलर रीजन में पानी और बर्फ का पता लगा सकते हैं।

एक साल तक चलने वाला ऑर्बिटर अब सात साल तक चलेगा
चंद्रयान के साथ गये ऑर्बिटर के बारे में बताते हुए के डॉ सिवन ने कहा कि ऑर्बिटर की लाइफ मात्र एक साल के लिए तय की गई थी, लेकिन ऑर्बिटर में मौजूद अतिरिक्त ईंधन की वजह से अब इसकी उम्र 7 साल तक लगायी जा रही है। इसरो के दूसरे अभियानों के बारे में डॉ सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 में आई दिक्कत का कोई असर इन मिशन पर नहीं पड़ेगा। डॉ सिवन ने कहा कि इसरो के दूसरे अभियान तय समय पर होंगे और 2022 में गगनयान के ज़रिए भारत अंतरिक्षयात्री को भेजेगा।

डॉ सिवन ने कहा, ’’जो कुछ भी हुआ उससे इसरो पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमलोग गगनयान प्रोजेक्ट के साथ लगे हुए हैं जो 2020 के अंत तक
ख़त्म होगा। चंद्रयान-2 लगभग 100 फ़ीसदी सफल हो गया है। ऑर्बिटर अपना काम कर रहा है।’’

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