मिड डे मील में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने का विडियो बनाने वाले पत्रकार पर मुकदमा
एजेन्सी
स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी देने का मामला, पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में पुलिस ने मिड डे मील में बच्चों को नमक के साथ रोटी खिलाए जाने की खबर देने वाले स्थानीय पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इस मामले मंे प्रशासन का आरोप है कि पत्रकार पवन जायसवाल ने साजिश के तहत उत्तर प्रदेश शासन को बदनाम किया है।
मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार पांडे ने बताया कि, ‘‘जिला अधिकारी की ओर से जांच कराए जाने के बाद पत्रकार पवन जायसवाल समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस आगे की जांच कर रही है। इस संबंध में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।‘‘
बता दे कि एक स्थानीय हिंदी अखबार के लिए काम करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल ने मीडिया को बताया, ‘‘मुझे मेरा काम करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है. एफआईआर दर्ज होने के बाद मुझे डर लग रहा है।‘‘
पवन पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर की गई है। हालांकि उन्हें अभी तक अपने ऊपर की गई एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है।
बता दें कि पवन ने मिर्जापुर जिले के जमालपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय शिउर में छात्रों को मिड डे मील में नमक के साथ रोटी खाते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया था।
पवन का बनाया ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया जिसके बाद स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे।
पवन ने बताया, ‘‘कई दिन से गांव के लोग मुझे स्कूल के मिड डे मील में अनियमितता के बारे में फोन करके जानकारी दे रहे थे और इस विषय को मीडिया के जरिए प्रशासन के सामने लाने का आग्रह कर रहे थे।‘‘ उन्होंने बताया, ‘‘22 अगस्त को गांव के एक व्यक्ति ने फोन किया। करीब बारह बजे स्कूल पहुंचा तो बच्चे नमक से रोटी खा रहे थे. मैंने तुरंत वीडियो बनाया।‘‘ इस सम्बन्ध में मैंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस बारे में जानकारी दी थी।
पवन जायसवाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मिड डे मील में बच्चों के लिए सिर्फ रोटी बनाई गई थी. सब्जी की जगह नमक दिया गया था.
पवन ने बताया, मैंने वो वीडियो जिलास्तर के पत्रकारों के पास भेजा जिन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से सवाल किए। वीडियो सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने जांच करवाई और दो लोगों को निलंबित कर दिया गया।‘‘
पवन का दावा है कि स्थानीय प्रशासन ने पांच बार जांच की और वीडियो और घटनाक्रम को सही पाया। छठीं जांच जिला विकास अधिकारी प्रियंका निरंजन ने की। पवन का कहना है कि जिला विकास अधिकारी ने उनसे लिखित में इस विषय में शिकायत करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि मैं पत्रकार हूं। मेरा काम खबर करना है, मुझे किसी मामले में पक्ष न बनाया जाए।‘‘
पवन के मुताबिक जिस व्यक्ति ने उन्हें स्कूल में अनियमितता की सूचना दी थी, उसे हिरासत में ले लिया गया है।
वो कहते हैं, ‘‘मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद से ही स्थानीय अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए मुझे फंसा रहे हैं।‘‘
मामले की जांच करने गए बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी धर्मेश पांडे ने मीडिया से कहा, ‘‘हम स्कूल में जांच करने गए। रसोइया का कहना था कि सब्जी आने में देर हो रही थी इसलिए नमक रोटी खिलाई गई।‘
मिड डे मील केंद्र सरकार की स्कूलों में बच्चों को मुफ्त पौष्टिक भोजन मुहैया कराने की महत्वकांक्षी योजना है। इसके तहत देशभर के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को खाना खिलाया जाता है।