सरकार की सोच में बैठे भूत को भगाने के लिए निकाली ’डौंर-थकुली रैली
UK Dinmaan
देहरादून। आज गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान संगठन ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल से स्व. इन्द्रमणि बडोनी जी प्रतिमा तक डौंर-थकुली रैली निकाली। रैली में बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों व हिमालय सरोकारों के लिए क्रियाशील लोगों ने भागीदारी की।
देवभूमि में जहां डौंर-थकुली बजाकर देवताओं को जागृत किया जाता है वहीं डौंर-थकुली बजाकर भूत भी भगाए जाते हैं। इसी को देखते हुए गैरसैंण राजधानी अभियान ने डौंर-थकुली बजाकर सरकार की सोच में बैठ गए भूत को भगाने के लिए रैली का आयोजन किया।
लगभग 12ः30 बजे डौंर-थकुली बजाते हुए रैली धरना स्थल से इंद्रमणि बडोनी जी की प्रतिमा के लिए कूच हुई। धरना स्थल पर ही बैरिकेट लगाकर पुलिस गैरसैण अभियान कर्मियों को रोकने की कोशिश की जिससे सभी अभियान कर्मी आक्रोशित हो गए जबरदस्त धक्का-मुक्की कर आंदोलनकारियों ने पुलिस के द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ दिया और जोरदार नारेबाजी करते हुए गांधी पार्क होते हुए इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा पर पहुंच गए। वहां पर पर पहुंचकर आंदोलनकारी जबरदस्त नारेबाजी करते की।
डौंर-थकुली रैली प्रदेश सरकार के उस अध्यादेश के खिलाफ निकाली गई जो सरकार ने पूर्व मंत्रियों से बकाया कर्ज माफी पर जारी की है।
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान संगठन मनोज ध्यानी ने कहा कि डौंर-थकुली रैली के द्वारा प्रदेश की जनता को यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि किस प्रकार सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है और जनता की गाढ़ी कमाई को मनमाफिक तरीके से लूटा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश के साथ ही समूह ग के पदों पर बाहरी अभ्यर्थियों से आवेदन मांगने, देवप्रयाग में शराब की भट्टी स्थापित करने, बुग्यालों में टनों का कचरा व मल-मूत्र त्यागने वाली पर्यटन नीति, भूमाफिया एवं दलालों के हित में समूचे उत्तराखंड में भूमि खरीद को छूट देने की नीति, स्थाई राजधानी की मांग करने वाले आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे लगाने पर भी विरोध जताया गया है।
वहीं डौंर-थकुली रैली के माध्यम से सरकार को चेताया कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अवधारणा के अनुरूप राज्य व्यवस्था निर्मित हो और प्रदेश का संचालन राजधानी गैरसैण विधानसभा से शुरू करें।
उन्होंने डौंर थकुल रैली को सफल बताते हुए कहा कि डौंर-थकुली रैलियां पूरे उत्तराखंड में लगातार आयोजित की जाती रहेगी ताकि प्रदेश के सवालों पर कोताही बरतने की हिमाकत कोई भी सरकार ना कर सके।
डौंर-थकुली रैली के उपरांत गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने धरना स्थल पर पहुंचकर बैठक की और पुनः गैरसैंण राजधानी संकल्प को दोहराया। बैठक में डौंर-थकुली रैली को रोकने के प्रयासों के लिए सरकार की कडी भर्त्सना करते हुए कहा कि न हम डरेंगे, न झुकेंगे और जन मुद्दों के लिए लड़ते रहेंगे।
रैली में शामिल रहे संगठन
उत्तराखंड पूर्व सैनिक अर्ध सैनिक संयुक्त, संगठन, उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड बेरोजगार संघ, हमारा उत्तरजन मंच (हम), आर टी आई लोक सेवा, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ, उत्तराखंड नवनिर्माण सेना, सचिवालय संघ, उत्तराखंड विकलांग संघ आदि बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों ने भाग लिया।
डौंर-थकुली रैली ये लोग रहे शामिल –
रघुवीर बिष्ट, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मनोज ध्यानी, विकास सेमवाल, रविंद्र प्रधान, बृज मोहन नेगी, पूर्व आईएएस सुरेंद्र सिंह पांगति, कैप्टन दिगंबर बलूनी, मदन सिंह भंडारी, लुसून टोडरिया, नमन चंदोला, प्रभा नैथानी, सुलोचना भट्ट, बिंदु जोशी, ऊषा भट्ट, निर्मला बिष्ट, बीना सकलानी, लक्ष्मी बिष्ट, राजेश्वरी डोबरियाल, लोक बहादुर थापा, मदन सिंह भंडारी, सुशील कुमार त्यागी, रणवीर चौधरी, सुरेंद्र बिष्ट, जबर सिंह पावेल, जयकृत कंडवाल, सुमन नेगी, ललित चंद्र जोशी, बी़पी ममगाई, कमल कांत, सुशील कैंथुरा, जगमोहन नेगी, भोपाल सिंह चौधरी, समीर मुंडेपी, मनोज दास, अजमेर सिंह, पीसी थपलियाल, सोहन सिंह रावत, कृष्ण कांत कुनियाल, जसवंत सिंह जंगपांगी, प्रदीप कुकरेती, जितेन्द्र भारती, ज्योत्सना असवाल, हरिकिशन घिल्डियाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, हर्ष मैंदोली, सु.मे. सुरेन्द्र नौटियाल, विजय नैथानी, बिंदू जोशी, मेजर आर सी बलूनी, राजेश चमोली, प्रेम बहुखंडी, दीपक चमोली, प्रदीप कुकरेती, एड. राजगीता शर्मा सहित बड़ी संख्या में अभियान कर्मी शामिल रहे।