चीफ जस्टिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया, कहा न्याय पालिका खतरे में
UK Dinmaan
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस गोगोई ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।
इसके पीछे एक व्यक्ति नहीं, बल्कि बड़ी ताकतें
चीफ जस्टिस ने कहा कि इसके पीछे कोई एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि कई लोगों का हाथ है। इसके पीछे कोई बड़ी ताकत होगी, लेकिन न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता। वे लोग सीजेआई के कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैं। सीजेआई ने कहा कि मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करूंगा।
सीजेआई ने कहा कि मैंने आज अदालत में बैठने का असामान्य और असाधारण कदम उठाया है क्योंकि चीजें बहुत आगे बढ़ चुकी हैं।
सीजेआई ने इन आरोपों के जवाब में यह भी कहा कि यह आने वाले कुछ सप्ताह में होने वाले अहम मामलों की सुनवाई से रोकने का प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अगले सप्ताह महत्वपूर्ण केसों की सुनवाई करने वाला हूं और यह उन मामलों की सुनवाई रोकने की कोशिश है। मैं इस कुर्सी पर बैठूंगा और निडरता से न्यायपालिका से जुड़े कर्त्तव्य पूरे करता रहूंगा।”
मैं इस कुर्सी पर बैठूंगा और बिना किसी भय के न्यायपालिका से जुड़े अपने कर्तव्य पूरे करता रहूंगा। 20 साल की सेवा के बाद यह सीजेआई को मिला इनाम है।
रंजन गोगोई ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय है। मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई मुझे धन के मामले में नहीं पकड़ सकता है, लोग कुछ ढूंढना चाहते हैं और उन्हें यह मिला। न्यायाधीश के तौर पर 20 साल की निस्वार्थ सेवा के बाद मेरा बैंक बैलेंस 6.80 लाख रुपये है’।
जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि इस महिला को यहां (सुप्रीम कोर्ट) में नौकरी कैसे मिल गई जबकि उसके खिलाफ आपराधिक केस है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पुलिस द्वारा कैसे इस महिला को क्लीन चिट दी गई। चीफ जस्टिस ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है। इस आरोप से मैं बेहद आहत हुआ हूं।