‘स्वच्छ दून सुन्दर दून’ की कहानी बंया करती तस्वीरें

UK Dinmaan

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिनांक 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की थी। मिशन का उद्देश्य महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगाँठ को सही रूप में श्रद्धांजलि देते हुए वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत की प्राप्ति करना है।

देश में शहर की स्वच्छता के प्रति सुधार भी आया, मगर सैकड़ों की संख्या वाला सरकारी तंत्र अभी तक नींद में है। सरकारी तंत्र एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाया।

वहीं देहरादनू में अंधेर नगरी और चौपट राजा वाली कहावत दून के नगर निगम पर स्टीक बैठती नजर आती है। दून में छोटी सरकार बनते ही सफाई व्यवस्था को लेकर बड़े बड़े दावे किये गये थे। वे दावे आज नगर निगम की पोल खोलते नजर आते है।

शहर के हालात ये हैं कि वर्तमान में रोज तो दूर हफ्ते-हफ्ते तक भी गली-मोहल्लों से कूड़ा का उठान नहीं हो रहा। लोगों के घरों के मैन गेट पर ही गंदगी के ढेर पड़े नजर आ जाते है।

दून में मौहल्लों की बात तो छोड़ दीजिए नगर निगम से बामुश्किल 1 किमी. की दूर पर रेंजर्स काॅलेज ग्राउंड, सेंट थाॅमस, कान्वेंट स्कूल, परेड ग्राउंड, पवेलियन ग्राउंड, भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा, उत्तरांचल प्रेस क्लब के साथ ही व्यस्तम मार्ग में युवाओं का पहली पसंद तिब्बती बाजार, धरना स्थल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा हैैै। तस्वीरें कहानी बंया कर रही है, वहां लगे कूड़े के ढेर व चौक नालियों नगर निगम की आंखे खोलने के साथ-साथ निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही है।

वहीं यदि खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) की बात करें तो इसके लिए लिए सरकार ने बड़े बड़े दावे किए थे। लेकिन यहां भी ओडीएफ राज्य की तस्वीर कुछ और ही बयां करती है। तिब्बती बाजार यहां एक सुलभ शौचालय तो दूर मूत्रालय की तक व्यवस्था नहीं है।

तस्वीर बंया करती है कि लघु शंका सबसे ज्यादा पेरशानी महिलाओं को झेलनी पड़ती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए महिलाओं ने मजूबरी में गंदे नाले के ऊपर ही अपने लिए फ्लैक्स से निर्मित अस्थाई मूत्रालय की व्यवस्था कर अपनी लघु शंका का समाधान हेतु रास्ता निकाल लिया है। जो नगर निगम के साथ सभ्य समाज को भी मुंह चिढ़ा रहा है।

वहीं पुरूषों की बात की जाय तो उन्होंने प्रेस क्लब की दीवार को खुला मूत्रालय व धरना स्थल के आस पास खुले मैदान को ही खुला शौचालय बना दिया है।

यह वहीं दून का व्यस्तम मार्ग है जिसके नजदीक प्रदेश की भाजपा सरकार का जिला कार्यालय स्थिति है। शहर के प्रथम नागरिक से लेकर मंत्री संतरी रोज इसी मार्ग से कई दफा गुजरते है। लेकिन अफसोस गंदे नाले पर फ्लैक्स से बने इस महिला मूत्रालय पर कैसे किसी मंत्री संतरी की नजर नहीं पड़ती। सोचनीय है कि क्या हम अपनी मां और बहनों की गरिमा के लिए शौचालयों की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं?

फिलहाल ‘स्वच्छ दून सुन्दर दून’ की ये तस्वीरें बंया कर रही है कि दून में ट्रिपल इंजन की सरकार ही स्वच्छ भारत मिशन व मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को पलीता लगा रही है।

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