उपनल: हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सरकार, दायर की एसएलपी

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उपनल कर्मियों को परमानेंट करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी। प्रमुख सचिव- सैनिक कल्याण आनंद वर्धन ने इसकी पुष्टि की।

हाई कोर्ट ने 12 नवम्बर को अपने आदेश में सरकार को आदेश जारी किए हैं कि उपनल कर्मियों को एक वर्ष के भीतर नियमित किया जाए। कोर्ट ने साफ किया है कि सरकार कर्मचारियों को दिए जाने वाले एरियर में जीएसटी व सर्विस टैक्स की कटौती ना करे।

वर्तमान में उपनल के मार्फत राज्य और राज्य के बाहर विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी और निजी संस्थानों में 20 हजार से ज्यादा लोग आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को सरकार परमानेंट करने के पक्ष में नहीं है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इससे जहां राज्य पर अत्यधिक आर्थिक बोझ आएगा। वही यह फैसला संविधान के समानता के अधिकार के भी खिलाफ होगा। दरअसल ये ज्यादातर नियुक्तियां विधिवत चयन प्रक्रिया से नही हुई है। इन्हें परमानेंट करने पर राज्य के अन्य बेरोजगार युवाओं को नौकरी के लिए दावेदारी करने का अवसर न मिल पायेगा।

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इस प्रकरण में विधि विभाग से भी राय की गई थी। राय प्राप्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय किया गया। विभाग ने एसएलपी दायर कर दी है।
आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव-सैनिक कल्याण

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