गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान : माननीय को किए कंबल दान

UK Dinmaan

गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के तत्वावधान में संघर्ष स्थल पर जारी धरना कार्यक्रम के 81वाँ दिवस के कार्यक्रम में गैरसैंण में सत्र आयोजन व राजधानी पर विरोधाभाषी बयानों को लेकर आज मा. श्री अजय भट्ट जी, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा, मा इंदिरा हृदयेश , नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखंड विधानमंडल एवम् मा. हरक सिंह रावत, कबिना मंत्री, उत्तराखंड को कंबल दान व खुला पत्र भेजा गया है।

प्रशासन की ओर से श्री भगवती प्रसाद जगूडी, मा अपर तहसीलदारए, देहरादून और श्री हीरा सिंह बिष्ट, राजस्व निरीक्षक, देहरादून ने कंबल दान और खुला पत्र प्राप्त करने संघर्ष स्थल पर आंदोलनकारियों के बीत पहुंचे।

गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की ओर से मनोज ध्यानी ने खुला पत्र पढ़कर सुनाया। गैरसैंण अभियानकर्मियों ने प्रशासन के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वह कंबल दान और खुला पत्र को आज ही माननीयों तक पहुंचा दें और उन्हें गैरसैंण के अभियानकर्मियों की पीड़ा से अवगत करा दें कि गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान आपको बताना चाहती है कि जिस बीच आप तीनों गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाए जाने के औचित्य पर सवाल उठा रहे थे और गैरसैण में विधानसभा सत्र के आयोजन पर गहरे प्रश्न खींच रहे थे। उसी बीच विगत संघर्ष स्थल पर जारी धरना के 77 वॉं दिवस पर 02 दिसम्बर 2018 को उत्तराखंड के दर्जनों संगठन संयुक्त रुप से जनसंगठनों की महापंचायत में गैरसैंण के पक्ष में पुनः हुंकार भरी है और सबने मिलकर निर्णय किया है कि गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई व पूर्णकालिक राजधानी बनाकर ही दम लेंगे।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान द्वारा आहूत जनसंगठनों की महापंचायत की बैठक में आप तीनों के वक्तव्यों का गहन अध्ययन व विमर्श किया गया और तब निर्णय लिया गया कि समय आ गया है कि आप तीनों माननीयों को ‘कंबल दान’् भेंट किया जाए और इस ‘खुला पत्र’् के माध्यम से आपकी पीड़ा का स्थाई निवारण भी किया जाए।

गैरसैंण में सत्र कराए जाने के नाम पर आप तीनों देहरादून और हल्द्वानी में बैठकर भी जिस प्रकार से थर-थर कांप उठे हैं। उससे हमारे मन में आपके प्रति गहरी चिन्ता उत्पन्न हुई है। जनता को लगने लगा है कि आप तीनों की हड्डियों और संकल्प शक्ति में बुढापा समा गया है कि अब आप गैरसैंण में सत्र आयोजन तक का खुला विरोध तक करने लग रहे हैं। समय आ गया है कि आप तीनों विधानसभा की जगह अपने घरों में कंबलों के अंदर समय गुजारें और बेसिर पैर के बयान देकर राज्य अवधारणा के प्रारंभ प्रयासों को गतिहीन न बनाएं। बतौर आपके हितैषी, गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान आज अपको इसी कारण से कंबल भी भेंट करते हुए आपसे आग्रह भी करती है कि आप शहरों में फैल रहे जबरदस्त प्रदूषण के बीच बढ़ रही सर्दी में कृपया यूॅं बाहर अधिक न टहला करें। ताकी आपका उत्तम स्वास्थ्य सदैव बना रहे। बल्कि आप अपने घरों पर ही ज्ीमतउंस कंबलों में बैठकर समय काटेंए और दीर्घायू प्राप्त हो, हमारी यह कामना रहेगी।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान आप तीनों को बताना चाहती है कि पेशावर कॉंड के नायक वीर चंद्र सिंह के नाम पर गैरसैंण में राजधानी निर्मित होए ऐसा निर्णय उत्तराखंड की जनता उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के समय पर ही कर चुकी थी। और उत्तराखंड राज्य की प्रत्येक कुर्बानी और शहादत में गैरसैंण को उत्तराखंड प्रदेश की स्थाई व पूर्णकालिक राजधानी बनाना समाहित था।
गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान अंत में यह चेतावनी भी स्पष्ट रुप से प्रेषित की कि हमें इतना मजबूर न करें कि भविष्य के दशहरा पर्व से हम रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतलों की जगह गैरसैंण विरोधी शक्तियों का पुतला दहन कार्यक्रम आयोजन करने का निर्णय लें। हमें उम्मीद ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि हमारे द्वारा प्रदत्त ’कंबल और खुला पत्र’ आप सर्व माननीयों के चक्षु तंत्रिकाओं को गैरसैंण के पक्ष में खोल पाने में कामयाब होगा।

कंबल दान और खुला पत्र जारी करने के अवसर पर इंजीनियर आनंद प्रकाश जुयाल, कृष्ण काँत कुनियाल, शूरवीर सिंह नेगी, जय नारायण बहुगुणा, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, रंजीत चन्द्र, मनोज ध्यानी, हर्ष मैंदोली, हरेन्द्र खत्री, यशवीर आर्य, सुमन डोभाल काला, ज्योत्सना असवाल, वीरेन्द्र सिंह रावत, गजेन्द्र जोशी, प्रकाश चन्द्र गौड, अर्चना चमोली, मदन भंडारी, सोहन सिंह रावत, किरण किशोर भण्डारी व नागेन्द्र जुयाल आदि उपस्थित रहे।

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