राज्य की स्थाई राजधानी बनेगी गैरसैंण : वेदाचार्य सुमित नगवाल

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देहरादून। पूर्णकालिक राजधानी गैरसैंण बने की मांग को लेकर संघर्ष स्थल, परेड ग्राउंड, देहरादून में चल रहा धरना आज 61वें दिवस में प्रवेश कर गया।
धरना पर बैठे आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए ज्योत्सना असवाल ने कहा कि गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के धरना स्थल पर लगातार प्रादेशिक मुद्दों पर वैचारिक विमर्श चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को गैरसैंण आंदोलन से जोड़ने का लिए महिलाओं की एक भिन्न ईकाई गठित की जानी चाहिए।

गैरसैंण अभियानकर्मियों के समर्थन देने हेतु विशेष रूप से आने वालों में आज वेदाचार्य सुमित नगवाल भी थे। उन्होंने कहा कि गैरसैंण के स्थाई राजधानी बनना प्रदेश के लिए शुभकर होगा। उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवद्गीता में 18 अध्याय हैं व महाभारत का युद्ध भी 18 दिवस तक संचालित हुआ था। 18 का मूलांक 09 का अंक है। चुंकी राज्य की स्थापना 09 नवम्बर को हुआ था अतएव 18वें वर्ष में गैरसैंण हेतु किया जा रहा आंदोलन लक्ष्य को प्राप्त करेगा और राज्य की स्थाई व पूर्णकालिक राजधानी गैरसैंण बनेगी।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के धरना कार्यक्रम में उपस्थिति व कार्यक्रम को समर्थन देने वालों में दिल्ली से आए वेदाचार्य सुमित नगवाल, सुमन डोभाल काला, ज्योत्सना असवाल, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, मनोज ध्यानी, हर्ष मैंदोली, सुभाष रतूडी, कृष्ण काँत कुनियाल, राकेश चंद्र सती, एन.एन. भट्ट, संजय सिंह, किरण किशोर सिंह, सोहन सिंह आदि सम्मिलित रहे।

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